कलश दशमी 🏺🙏🏽✨शंभू महादेव यात्रा -🔱🚶‍♂️🎶नागनाथ यात्रा -🐍🚶‍♀️🚩

Started by Atul Kaviraje, August 04, 2025, 10:17:14 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

हिंदी कविता - ०४ अगस्त २०२५, सोमवार-

१. कलश दशमी 🏺🙏🏽✨

पहला चरण:
कलश दशमी का आया पावन दिन,
घर-घर सजे शुभ कलश पवित्र।
जल-नारियल से शोभा मनोहारी,
देवी का आशीष, जीवन हो मित्र।

अर्थ: यह चरण कलश दशमी के शुभ आगमन और घर-घर में पवित्र कलश सजाने की बात करता है। कलश को जल और नारियल से सजाने का वर्णन है, जिससे उसकी सुंदरता बढ़ती है। यह देवी के आशीर्वाद से जीवन को मित्रवत बनाने की कामना करता है।

दूसरा चरण:
ब्रह्मांड समाया इस छोटे घट में,
सकल देवता विराजें इसके तट में।
सुख-शांति, समृद्धि का यह प्रतीक,
पूजें इसे हम, मन हो ठीक।

अर्थ: इस चरण में बताया गया है कि यह छोटा सा कलश संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक है, जिसमें सभी देवी-देवता निवास करते हैं। इसे सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक मानते हुए, इसकी पूजा करने से मन को शांति मिलती है।

२. शंभू महादेव यात्रा - शामगाँव, कराड 🔱🚶�♂️🎶
तीसरा चरण:
शामगाँव में शिव का डमरू बाजे,
शंभू महादेव की यात्रा साजे।
हर हर महादेव की गूँजे ध्वनि,
भक्तों का हुजूम, भक्ति में धनी।

अर्थ: यह चरण शामगाँव में भगवान शिव के डमरू की ध्वनि और शंभू महादेव यात्रा के आयोजन का वर्णन करता है। इसमें भक्तों द्वारा 'हर हर महादेव' के जयकारे और उनकी अपार भक्ति का उल्लेख है।

चौथा चरण:
पग-पग चलते, कष्ट सहते,
शिवजी की कृपा को ये चाहते।
कावड़ लिए, तपस्या है भारी,
शिव शक्ति से भरें, जन सारे।

अर्थ: इस चरण में यात्रा में भक्तों द्वारा पैदल चलकर और कष्ट सहते हुए भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की गई है। इसमें कावड़ यात्रा और उसके साथ जुड़ी तपस्या का जिक्र है, और यह कामना की गई है कि सभी लोग शिव की शक्ति से भर जाएं।

३. नागनाथ यात्रा - नागनाथवाड़ी (ललगुण), खटाव 🐍🚶�♀️🚩
पाँचवाँ चरण:
नागनाथवाड़ी में लगे मेला,
नागदेवता का है यह खेला।
नागनाथ की महिमा अपार,
कृपा मिले, हो जीवन पार।

अर्थ: यह चरण नागनाथवाड़ी में लगने वाले मेले और नागदेवता के महत्व को बताता है। इसमें नागनाथ की असीम महिमा का गुणगान किया गया है और उनकी कृपा से जीवन को सफल बनाने की कामना है।

छठा चरण:
दूध पिलाएँ, श्रद्धा से सींचे,
सर्पों को मानें, प्रकृति से खींचे।
नाग दोष मिटे, धन-धान्य बढ़े,
मनोकामना हर भक्त की सधे।

अर्थ: इस चरण में भक्तों द्वारा नागों को दूध पिलाने और श्रद्धापूर्वक उनकी पूजा करने का वर्णन है। इसमें बताया गया है कि ऐसा करने से सर्प दोष समाप्त होते हैं, धन-धान्य में वृद्धि होती है, और भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

सातवाँ चरण:
तीन यात्राएँ, एक ही दिन में,
भक्ति का रंग, भरें हर जन में।
सोमवार का दिन है अति पावन,
ईश्वर कृपा से, हो सुख सावन।

अर्थ: यह अंतिम चरण आज के दिन (सोमवार) होने वाली तीनों महत्वपूर्ण यात्राओं का उल्लेख करता है, जो भक्तों के जीवन में भक्ति का रंग भरती हैं। यह सोमवार के दिन को अत्यंत पवित्र बताते हुए, ईश्वर की कृपा से जीवन में सुख और शांति की कामना करता है।

--अतुल परब
--दिनांक-04.08.2025-सोमवार. 
===========================================