🌻 कृषक सम्मान दिवस: अन्नदाता की गाथा 🌻🌻🌾🚜🙏❤️💪

Started by Atul Kaviraje, August 06, 2025, 10:05:11 PM

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Atul Kaviraje

🌻 कृषक सम्मान दिवस: अन्नदाता की गाथा 🌻

(दिनांक: 6 अगस्त 2025, बुधवार)

चरण 1: धरती का सम्मान
धरती माता का सम्मान, करते हैं किसान,
पसीने से सींचकर, देते हमें अन्न-दान।
सूरज की तपिश हो, या बारिश की धार,
हर मौसम में करते, वे मेहनत अपार।

अर्थ: किसान धरती का सम्मान करते हैं। वे अपने पसीने से धरती को सींचते हैं और हमें अन्न देते हैं। चाहे कितनी भी गर्मी हो या बारिश हो, वे हर मौसम में कड़ी मेहनत करते हैं।

चरण 2: जीवन की नींव
जीवन की नींव हैं, हमारे ये किसान,
इनकी मेहनत से ही, चलता है हिंदुस्तान।
खेतों में उगाते हैं, ये सोना-चांदी,
इनके श्रम से ही, देश की हरियाली।

अर्थ: किसान हमारे जीवन की नींव हैं। उनकी मेहनत से ही हमारा देश चलता है। वे खेतों में अनाज रूपी सोना-चांदी उगाते हैं और उनके परिश्रम से ही देश हरा-भरा रहता है।

चरण 3: संघर्ष की कहानी
कभी सूखा, कभी बाढ़, कभी कीटों का वार,
फिर भी मुस्कुराते हैं, करते हैं स्वीकार।
टूटे नहीं हौसले, ना हारे ये कभी,
हर चुनौती को सहते, ये धीर-गंभीर।

अर्थ: किसानों को कभी सूखे, कभी बाढ़ और कभी कीटों के हमलों का सामना करना पड़ता है। फिर भी वे मुस्कुराते हुए इन सभी को स्वीकार करते हैं। उनके हौसले कभी नहीं टूटते और वे हर चुनौती का सामना धैर्य से करते हैं।

चरण 4: आत्मनिर्भरता का प्रतीक
ये आत्मनिर्भरता का, है सबसे बड़ा प्रतीक,
इनकी उपज से ही, बनती हर एक भीक।
जब तक ये हैं, कोई भूखा नहीं सोता,
इनके परिश्रम से, खुशियों का बीज बोता।

अर्थ: किसान आत्मनिर्भरता के सबसे बड़े प्रतीक हैं। उनकी उपज से ही हर जरूरत पूरी होती है। जब तक किसान हैं, तब तक कोई भूखा नहीं सोता। उनके परिश्रम से ही खुशियों का बीज बोया जाता है।

चरण 5: सम्मान का दिन
आज का ये दिवस, है सम्मान का दिन,
अन्नदाता के बिना, जीवन है अधूरा।
आओ मिलकर करें, हम सब उनका धन्यवाद,
जिनके श्रम से चलती, ये दुनिया आबाद।

अर्थ: आज का दिन किसानों के सम्मान का दिन है। अन्नदाता के बिना हमारा जीवन अधूरा है। हमें मिलकर उन सभी किसानों का धन्यवाद करना चाहिए, जिनकी मेहनत से यह दुनिया चलती है।

चरण 6: कृतज्ञता की भावना
जब भी थाली में आए, कोई भी दाना,
याद करो किसान को, और उसे धन्यवाद दो।
उनकी मेहनत का, ना कोई मोल चुका सकता,
बस कृतज्ञता का भाव, मन में जगा सकता।

अर्थ: जब भी हम भोजन करें, हमें उस किसान को याद करना चाहिए और उसका धन्यवाद करना चाहिए। उनकी मेहनत का कोई मोल नहीं चुका सकता, हम बस मन में उनके प्रति कृतज्ञता का भाव रख सकते हैं।

चरण 7: अमर गाथा
खेतों की मिट्टी में, रच बस गया है नाम,
हर फसल की खुशबू में, महकता है उनका काम।
गाँव-गाँव में गूंजे, ये जय-जयकार,
अन्नदाता की गाथा, है ये अमर संसार।

अर्थ: उनका नाम खेतों की मिट्टी में बस गया है। हर फसल की खुशबू में उनका काम महकता है। गाँव-गाँव में उनकी जय-जयकार गूंजती है। अन्नदाता की यह कहानी अमर है।

📝 सारंश
यह कविता किसानों के संघर्ष, महत्व और हमारे जीवन में उनके योगदान को दर्शाती है। यह हमें उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता की भावना रखने के लिए प्रेरित करती है।

इमोजी सारांश: 🌻🌾🚜🙏❤️💪

--अतुल परब
--दिनांक-06.08.2025-बुधवार.
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