संत नरहरी सोनार जयंती कविता-संत नरहरी की महिमा-🙏🪔💍🕉️🎶✨😄👥

Started by Atul Kaviraje, August 07, 2025, 09:56:27 PM

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Atul Kaviraje

संत नरहरी सोनार जयंती पर भक्तिमय हिंदी कविता-

शीर्षक: संत नरहरी की महिमा-

(१)
आज का दिन पावन है, नरहरी संत की जयंती,
भक्ति की गंगा बह रही, मिट रही हर भ्रांति।
सोनार का काम किया, पर दिल में राम बसे थे,
साकार हुई भक्ति उनकी, जब भगवान उनसे मिले थे।
अर्थ: यह पद संत नरहरी सोनार जयंती के महत्व को दर्शाता है, जहाँ भक्ति की गंगा बह रही है और सभी भ्रम दूर हो रहे हैं। भले ही वे सुनार का काम करते थे, लेकिन उनके दिल में राम (विट्ठल) बसे थे, और उनकी सच्ची भक्ति से भगवान उनसे मिले।

(२)
शिव के परम भक्त थे, विट्ठल को भी शिव माना,
मूर्ति में देखा ईश्वर को, यही उनका था तराना।
सच्ची भक्ति की राह पर, चले वो बिना रुके,
उनके प्रेम के आगे, ईश्वर भी थे झुके।
अर्थ: इस पद में, कवि बताता है कि संत नरहरी सोनार भगवान शिव के परम भक्त थे, जिन्होंने भगवान विट्ठल को भी शिव का रूप माना। उन्होंने सच्ची भक्ति की राह पर चलकर ईश्वर को मूर्ति में देखा, और उनकी भक्ति के आगे स्वयं ईश्वर भी नतमस्तक हुए।

(३)
जाति-धर्म का भेद नहीं, सब हैं ईश्वर की संतान,
यही था उनका संदेश, यही उनका महान ज्ञान।
कर्म करो निष्ठा से, पर मन हो प्रभु में लीन,
ऐसे थे संत नरहरी, भक्ति में जो थे प्रवीण।
अर्थ: यह पद संत नरहरी के सामाजिक संदेश पर प्रकाश डालता है। उन्होंने सिखाया कि जाति और धर्म का कोई भेद नहीं है और सभी ईश्वर की संतान हैं। उनका मानना था कि कर्म निष्ठा से करना चाहिए, पर मन हमेशा ईश्वर की भक्ति में लीन होना चाहिए।

(४)
पंढरपुर की धरती पर, महिमा उनकी गाई जाती,
उनके अभंगों की धुन, हर भक्त के मन में समाती।
आध्यात्मिक चेतना का, हुआ आज फिर से जागरण,
संतों की कृपा से मिलता है, हमें मोक्ष का कारण।
अर्थ: यह पद पंढरपुर में संत नरहरी की महिमा का वर्णन करता है। उनके अभंगों की धुन हर भक्त के मन में समा जाती है और आज के दिन आध्यात्मिक चेतना फिर से जागृत होती है। संतों की कृपा से ही मोक्ष का मार्ग मिलता है।

(५)
परोपकार और सेवा का, उन्होंने जो मार्ग दिखाया,
भूखे को भोजन दिया, दुखियों को सहारा बनाया।
हम भी उस राह पर चलें, यही हमारा संकल्प,
तुम्हारी प्रेरणा से ही, पूरा होगा हर विकल्प।
अर्थ: इस पद में, संत नरहरी द्वारा दिखाए गए परोपकार और सेवा के मार्ग का उल्लेख है। कवि संकल्प लेता है कि वे भी उसी मार्ग पर चलेंगे और उनकी प्रेरणा से सभी समस्याएं हल होंगी।

(६)
तुम्हारे जीवन की गाथा, है एक अमर कहानी,
सदैव प्रेरणा देती रहेगी, यह हमारी जिंदगानी।
तुम्हारे आदर्शों पर चलकर, हम जीवन सफल बनाएँगे,
तुम्हारे चरणों में प्रभु, हम अपना शीश झुकाएँगे।
अर्थ: यह पद संत नरहरी के जीवन को एक अमर कहानी बताता है जो हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। कवि कहता है कि वे उनके आदर्शों पर चलकर अपना जीवन सफल बनाएंगे और उनके चरणों में शीश झुकाएंगे।

(७)
हे संत नरहरी, तुम हो सबके प्राण-आधार,
तुम्हारे आशीर्वाद से ही, होता है बेड़ा पार।
आज के इस शुभ दिन पर, करें तुम्हें प्रणाम,
हमेशा रखना हम पर, अपनी कृपा का वरदान।
अर्थ: अंतिम पद में, कवि संत नरहरी को सबके जीवन का आधार मानता है और उनसे प्रार्थना करता है कि उनके आशीर्वाद से सभी का जीवन सफल हो। वह आज के शुभ दिन पर उन्हें प्रणाम करते हुए उनकी कृपा का वरदान मांगता है।

प्रतीक, चित्र और इमोजी:

पूजा की थाली 🪔

सोना और आभूषण 💍

हाथ जोड़े हुए 🙏

मंदिर 🕉�

वीणा 🎶

दिया ✨

हंसता हुआ चेहरा 😄

भक्त 👥

इमोजी सारांश: 🙏🪔💍🕉�🎶✨😄👥
 
--अतुल परब
--दिनांक-07.08.2025-गुरुवार.
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