देवी लक्ष्मी के व्रत और उनका आध्यात्मिक प्रभाव -

Started by Atul Kaviraje, August 09, 2025, 11:37:16 AM

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Atul Kaviraje

देवी लक्ष्मी के व्रत और उनका आध्यात्मिक प्रभाव - हिंदी कविता-

(7 चरण, प्रत्येक में 4 पंक्तियाँ)

चरण 1
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं का जाप है प्यारा,
मन को शुद्ध करे यह व्रत हमारा।
जीवन में सुख, शांति का बसेरा,
लक्ष्मी माता का है यह आशीर्वाद खरा।
अर्थ: देवी लक्ष्मी का मंत्र जाप बहुत प्रिय है, यह हमारे मन को शुद्ध करता है। इस व्रत से जीवन में सुख और शांति आती है, यह माता लक्ष्मी का सच्चा आशीर्वाद है।

चरण 2
धन, वैभव की चाह नहीं मन में,
संतोष का दीपक जले है तन में।
लालसा का अंधकार दूर होता,
व्रत का प्रकाश हृदय में सोता।
अर्थ: यह व्रत हमें सिखाता है कि हमें केवल धन-वैभव की चाह नहीं रखनी चाहिए, बल्कि संतोष की भावना को जगाना चाहिए। यह व्रत हमारे मन से लालसा को दूर कर, हृदय में प्रकाश भर देता है।

चरण 3
हर शुक्रवार एक नई कहानी,
अनुशासन की यही है निशानी।
कठिन राह भी सरल हो जाए,
जब देवी की कृपा मिल जाए।
अर्थ: हर शुक्रवार का व्रत एक नई कहानी की तरह है, यह हमें अनुशासन सिखाता है। देवी की कृपा से हर कठिन रास्ता भी आसान हो जाता है।

चरण 4
सेवा, दान का भाव है मन में,
पुण्य की गंगा बहे हर क्षण में।
कर्मों की शुद्धता का संकल्प,
पापों का मिटे हर एक विकल्प।
अर्थ: इस व्रत के दौरान हमारे मन में सेवा और दान का भाव आता है, जिससे हर क्षण पुण्य मिलता है। यह व्रत हमारे कर्मों को शुद्ध करता है और सारे पापों को मिटा देता है।

चरण 5
परिवार की खुशियों का बंधन,
साथ में मिलकर करते हैं वंदन।
एकता का धागा, प्रेम की डोर,
सुख-समृद्धि की बहती है लोर।
अर्थ: यह व्रत परिवार को खुशियों के बंधन में बांधता है। जब सब मिलकर पूजा करते हैं, तो एकता का धागा और प्रेम की डोर मजबूत होती है, और घर में सुख-समृद्धि आती है।

चरण 6
ध्यान, साधना, आत्म-चिंतन,
मिटे अहंकार, मिटे हर बंधन।
आत्मा का दीदार, ज्ञान का सार,
लक्ष्मी की भक्ति है मोक्ष का द्वार।
अर्थ: व्रत हमें ध्यान, साधना और आत्म-चिंतन की ओर ले जाता है। इससे हमारा अहंकार खत्म होता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है। देवी लक्ष्मी की भक्ति मोक्ष का द्वार खोलती है।

चरण 7
श्रद्धा का फूल जब खिलता है,
तब ही सच्ची शांति मिलता है।
लक्ष्मी मां के चरणों में शीश झुकाएं,
जीवन को हम सफल बनाएं।
अर्थ: जब हमारे मन में सच्ची श्रद्धा का फूल खिलता है, तभी हमें सच्ची शांति मिलती है। हमें माता लक्ष्मी के चरणों में शीश झुकाकर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए।

--अतुल परब
--दिनांक-08.08.2025-शुक्रवार.
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