देवी दुर्गा का 'बोध' और 'अधिकार' पर आधारित दर्शन-2-

Started by Atul Kaviraje, August 09, 2025, 11:50:14 AM

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Atul Kaviraje

देवी दुर्गा का 'बोध' और 'अधिकार' पर आधारित दर्शन -
(देवी दुर्गा का प्रकटीकरण और उनकी शक्तियों पर आधारित दर्शन)
(देवी दुर्गा का रहस्योद्घाटन और उनकी शक्तियों पर आधारित दर्शन)
(The Revelation of Goddess Durga and the Philosophy Based on Her Powers)
Goddess Durga's philosophy based on 'realisation' and 'Adhikar'-

6. स्त्री शक्ति का 'अधिकार' 👩�🎓
दुर्गा दर्शन स्त्री शक्ति का सर्वोच्च प्रतीक है। यह दर्शाता है कि स्त्री केवल ममतामयी नहीं, बल्कि शक्ति, साहस और न्याय की भी मूर्ति है। देवी दुर्गा ने सभी देवताओं की शक्तियों को समाहित करके यह सिद्ध किया कि स्त्री के पास सृजन और संहार दोनों का अधिकार है। यह दर्शन समाज में स्त्रियों को उनके वास्तविक अधिकार और सम्मान का बोध कराता है।

7. अधिकार और उत्तरदायित्व का संतुलन⚖️
देवी दुर्गा का दर्शन केवल शक्ति के अधिकार की बात नहीं करता, बल्कि उसके साथ आने वाले उत्तरदायित्व का भी बोध कराता है। उन्होंने अपनी शक्ति का उपयोग केवल धर्म की रक्षा और दुष्टों के संहार के लिए किया। यह हमें सिखाता है कि जब हमें कोई शक्ति या अधिकार प्राप्त होता है, तो उसका उपयोग लोक कल्याण और न्याय के लिए करना हमारा परम कर्तव्य है।

8. दुर्गतिनाशिनी: दुखों का अंत 💖
दुर्गा का एक अर्थ है 'दुर्गतिनाशिनी' यानी दुखों का नाश करने वाली। यह दर्शन हमें बोध कराता है कि हमारे जीवन में आने वाले सभी दुख, कष्ट और बाधाएं अज्ञानता और नकारात्मकता का परिणाम हैं। जब हम आत्म-बोध के मार्ग पर चलते हैं, तब देवी दुर्गा की शक्ति हमें इन सभी दुखों से लड़ने और उन पर विजय पाने का अधिकार देती है।

9. शक्ति और शांत स्वरूप का सामंजस्य 🌸
देवी दुर्गा का स्वरूप एक ओर भयंकर और शक्तिशाली है, वहीं दूसरी ओर वे ममतामयी और शांत भी हैं। यह बोध कराता है कि जीवन में हमें दोनों ही रूपों की आवश्यकता होती है। हमें अपनी रक्षा के लिए शक्तिशाली होना चाहिए, और दूसरों के प्रति दयालुता और प्रेम के लिए शांत और सौम्य। इस सामंजस्य को स्थापित करना ही सच्चा 'अधिकार' है।

10. परम लक्ष्य: मोक्ष का बोध 🕉�
अंत में, देवी दुर्गा का दर्शन हमें मोक्ष या परम मुक्ति का बोध कराता है। उनके हर रूप, हर शक्ति और हर क्रिया का अंतिम लक्ष्य मानव को अज्ञानता के बंधन से मुक्त करना है। जब हम बोध और अधिकार की शक्ति से जीवन के सभी मायाजाल को पार कर लेते हैं, तब हमें परम सत्य का ज्ञान होता है, जो हमें मोक्ष का अधिकार देता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-08.08.2025-शुक्रवार.
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