अम्बाबाई और 'शक्तिवर्धन' व्रत के लाभ-1-

Started by Atul Kaviraje, August 09, 2025, 11:52:27 AM

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Atul Kaviraje

अम्बाबाई और 'शक्तिवर्धन' व्रत के लाभ-
(अम्बाबाई और 'सशक्तीकरण प्रतिज्ञा' के लाभ)
(Ambabai and the Benefits of the 'Empowerment Vows')
Benefits of Ambabai and 'Shaktivardhan' Vrats-

अम्बाबाई और 'शक्तिवर्धन' व्रत के लाभ
देवी अंबाबाई, जिन्हें महालक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है और जो कोल्हापुर में विराजमान हैं, केवल धन और समृद्धि की देवी नहीं हैं, बल्कि वे आंतरिक शक्ति, साहस और सशक्तिकरण की भी प्रतीक हैं। उनका 'शक्तिवर्धन' व्रत, जो एक प्रकार की 'सशक्तिकरण प्रतिज्ञा' है, हमें न केवल भौतिक सुख-समृद्धि देता है, बल्कि हमारे भीतर की सुप्त शक्तियों को भी जागृत करता है। यह व्रत हमें जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने की शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

1. आत्मविश्वास में वृद्धि: आंतरिक शक्ति का बोध 💖💪
अंबाबाई का 'शक्तिवर्धन' व्रत हमें अपने भीतर की अनंत शक्ति का बोध कराता है। जब हम पूर्ण भक्ति और विश्वास के साथ यह व्रत करते हैं, तो हमारे मन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह ऊर्जा हमें यह विश्वास दिलाती है कि हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। यह व्रत हमें अपनी कमियों को स्वीकार करने और उन्हें अपनी शक्ति में बदलने की प्रेरणा देता है, जिससे आत्मविश्वास में अभूतपूर्व वृद्धि होती है।

2. मानसिक दृढ़ता और संकल्पशक्ति 🧠✨
इस व्रत का एक प्रमुख लाभ है मानसिक दृढ़ता का विकास। व्रत के दौरान नियमों का पालन करना और मन को एकाग्र रखना हमें अपनी संकल्पशक्ति को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह हमें सिखाता है कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास और दृढ़ संकल्प आवश्यक है। यह मानसिक दृढ़ता हमें जीवन के कठिन समय में भी हार न मानने की प्रेरणा देती है।

3. नकारात्मकता पर विजय: विजय साधना 🚫👻
अंबाबाई का स्वरूप नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाला है। 'शक्तिवर्धन' व्रत का पालन करने से हम अपने मन में उत्पन्न होने वाले नकारात्मक विचारों, भय और संदेह पर विजय प्राप्त कर पाते हैं। यह व्रत एक प्रकार की विजय साधना है, जो हमें अपने भीतर के शत्रुओं - जैसे अहंकार, आलस्य और क्रोध - को परास्त करने की शक्ति देता है। इससे हमारा मन शुद्ध और सकारात्मक बनता है।

4. स्वास्थ्य और ऊर्जा का संचार 🧘�♀️🌟
व्रत के दौरान उपवास और सात्विक भोजन का पालन करने से शरीर की शुद्धि होती है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, बल्कि मानसिक ऊर्जा को भी बढ़ाता है। अंबाबाई का यह व्रत हमें अनुशासन सिखाता है, जिससे हमारी दिनचर्या नियमित होती है और हम अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं। यह एक समग्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

5. पारिवारिक संबंधों में सुधार 👨�👩�👧�👦💞
अम्बाबाई को 'जगदंबा' यानी जगत की माता के रूप में पूजा जाता है। इस व्रत का पालन करने से परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम, सद्भाव और आपसी समझ बढ़ती है। यह व्रत हमें परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों का बोध कराता है और हमें रिश्तों को और मजबूत बनाने की प्रेरणा देता है। व्रत के दौरान परिवार के साथ मिलकर पूजा-अर्चना करने से संबंधों में एक नया संचार होता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-08.08.2025-शुक्रवार.
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