कविता -(वरद लक्ष्मी, जरा-जीवंतिका, कुलधर्म और श्रावणकर्म)-🙏💰👶💖👨‍👩‍👧‍👦🔱

Started by Atul Kaviraje, August 09, 2025, 01:38:37 PM

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Atul Kaviraje

कविता (वरद लक्ष्मी, जरा-जीवंतिका, कुलधर्म और श्रावणकर्म)-

१. पहला चरण

आज है शुक्रवार का दिन,
श्रावण मास की पावन बेला.
वरद लक्ष्मी का व्रत है,
घर-घर में खुशियों का मेला.
अर्थ: आज शुक्रवार का दिन है और श्रावण का पवित्र महीना चल रहा है. वरद लक्ष्मी व्रत के कारण हर घर में खुशी का माहौल है.

२. दूसरा चरण

वरद लक्ष्मी की पूजा हो रही,
धन-धान्य का वरदान मिले.
सुख, समृद्धि घर में आए,
सबके जीवन में खुशियाँ खिले.
अर्थ: इस दिन वरद लक्ष्मी की पूजा करने से धन, समृद्धि और सुख का आशीर्वाद मिलता है.

३. तीसरा चरण

जरा-जीवंतिका पूजन का है दिन,
माताएँ करती हैं कामना.
बच्चों का जीवन हो सुखमय,
यही है सबकी भावना.
अर्थ: आज जरा-जीवंतिका पूजन का भी दिन है, जिसमें माताएँ अपने बच्चों के सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं.

४. चौथा चरण

कुलधर्म का भी पालन हो रहा,
पुरानी परंपराएँ याद आती हैं.
कुलदेवता की पूजा करके,
अपनी जड़ों से हम जुड़ जाते हैं.
अर्थ: आज के दिन लोग अपने कुल की परंपराओं का पालन करते हैं, कुलदेवता की पूजा करके अपनी जड़ों से जुड़ते हैं.

५. पाँचवाँ चरण

श्रावणकर्म की महत्ता है बड़ी,
शिवजी का हो रहा अभिषेक.
सबके दुख-दर्द दूर हों,
देते हैं सभी यह आशीष.
अर्थ: श्रावणकर्म के तहत आज भगवान शिव का अभिषेक हो रहा है, जिससे सभी के दुख-दर्द दूर होते हैं.

६. छठा चरण

दान-पुण्य का भी महत्व है,
जरूरतमंदों की सहायता करें.
मिलकर मनाएँ यह त्योहार,
प्रेम और सद्भाव का रंग भरें.
अर्थ: इस दिन दान-पुण्य भी करना चाहिए और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए. यह त्योहार मिलकर प्रेम और सद्भाव से मनाना चाहिए.

७. सातवाँ चरण

यह दिन है भक्ति, आस्था का,
श्रद्धा और विश्वास का.
सभी मिलकर करें प्रार्थना,
हो कल्याण सबका.
अर्थ: यह दिन भक्ति और आस्था से भरा है. हम सभी मिलकर प्रार्थना करते हैं कि सबका कल्याण हो.

इमोजी सारांश
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--अतुल परब
--दिनांक-08.08.2025-शुक्रवार.
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