८ अगस्त २०२५: बंजारा तीज और बाबा महाराज आविकर जयंती-(कविता)-

Started by Atul Kaviraje, August 09, 2025, 01:39:26 PM

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Atul Kaviraje

८ अगस्त २०२५: बंजारा तीज और बाबा महाराज आविकर जयंती-(कविता)-

१. प्रथम चरण

आया है आज ८ अगस्त का दिन,
बंजारा तीज की खुशियाँ संग,
झूला झूलें बहनें सब, मन रंगीन,
भाई-बहन का प्यार है कितना रंगीन।

अर्थ: आज ८ अगस्त का दिन है, जब बंजारा समुदाय में तीज उत्सव शुरू हो रहा है। बहनें खुशी से झूले झूल रही हैं और भाई-बहन का रिश्ता और भी मजबूत हो रहा है।

२. द्वितीय चरण

माथे पे बिंदी, हाथों में चूड़ियाँ,
घाघरा-चोली से सजी है हर गोरी,
पारंपरिक गीतों की बज रही धुन,
प्रकृति से जुड़ा ये उत्सव है अनमोल।

अर्थ: बंजारा महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सजी हुई हैं। वे पारंपरिक गीत गा रही हैं, जिससे यह उत्सव और भी आकर्षक लग रहा है, जो प्रकृति से जुड़ा हुआ है।

३. तृतीय चरण

माचनूर की पावन भूमि पे आज,
बाबा महाराज आविकर की जयंती का राज,
श्रद्धा से झुके हैं लाखों सिर,
उनके जीवन का है यह एक नया अध्याय।

अर्थ: माचनूर की पवित्र भूमि पर बाबा महाराज आविकर की जयंती मनाई जा रही है। हजारों लोग उन्हें श्रद्धापूर्वक याद कर रहे हैं, क्योंकि उनके जीवन की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं।

४. चतुर्थ चरण

प्रेम और भक्ति का उन्होंने दिया संदेश,
जाति-धर्म का न था कोई भेद,
मानवता की सेवा ही था उनका ध्येय,
आज भी चमकता है उनका तेज।

अर्थ: बाबा महाराज ने सभी को प्रेम और भक्ति का संदेश दिया। उन्होंने मानवता की सेवा को ही अपना लक्ष्य बनाया, और उनका तेज आज भी लोगों को प्रेरित करता है।

५. पंचम चरण

हर गाँव-शहर में गूंजे भजन-कीर्तन,
बाबा के नाम से गूंजे हर घर,
भक्तों का लगा है मेला,
मन में है बस भक्ति का मेला।

अर्थ: बाबा महाराज की जयंती के अवसर पर हर जगह भजन-कीर्तन हो रहे हैं। भक्तों की भीड़ लगी हुई है और सभी के मन में भक्ति भावना का सैलाब है।

६. षष्ठम चरण

जीवन को कैसे जिएं सही राह,
यही सिखाया उन्होंने हर बार,
करुणा और दया का दिया दान,
उनकी शिक्षाओं का है यह सारा सार।

अर्थ: उन्होंने हमें जीवन में सही मार्ग पर चलना सिखाया। उनकी शिक्षाओं का सार करुणा और दया का भाव है, जिसे उन्होंने अपने जीवन में उतारा।

७. सप्तम चरण

बंजारा तीज और जयंती का यह मिलन,
संस्कृति और भक्ति का सुंदर मिलन,
दोनों ही हमें देते हैं एक ही संदेश,
प्रेम, सेवा और सम्मान का संदेश।

अर्थ: बंजारा तीज उत्सव और बाबा महाराज आविकर की जयंती का एक साथ आना एक सुंदर संयोग है। दोनों ही आयोजन हमें प्रेम, सेवा और सम्मान का संदेश देते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-08.08.2025-शुक्रवार.
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