संतों की पुण्यतिथि: भक्ति और स्मरण का पावन अवसर- दीर्घ हिंदी कविता-

Started by Atul Kaviraje, August 12, 2025, 10:43:37 AM

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Atul Kaviraje

१-केशवदत्त महाराज पुण्यतिथी-सोनगिरी, धुळे-

२-शिवचरण महाराज पुण्यतिथी-अकोला-

3-श्री गुरुनाथ बाबा दंडवते पुण्यतिथी-गाणगापूर-

संतों की पुण्यतिथि: भक्ति और स्मरण का पावन अवसर-

दीर्घ हिंदी कविता-

कडवे १
आज है सोमवार, पावन तिथि का दिवस,
महान संतों का हुआ आज ही देह विलय।
केशवदत्त, शिवचरण, गुरुनाथ बाबा का,
श्रद्धा से हम करते हैं आज पुण्य स्मरण।

अर्थ: आज सोमवार का दिन है, जो एक पवित्र तिथि है, क्योंकि आज ही के दिन महान संतों का देहांत हुआ था। हम केशवदत्त, शिवचरण और गुरुनाथ बाबा को श्रद्धा से याद करते हैं।

कडवे २
केशवदत्त महाराज, सोनगिरी के वासी,
त्याग और सेवा के थे वो सन्यासी।
ज्ञान की गंगा बहाई, दी सबको राह,
उनके दिखाए मार्ग पर हम चलते हैं सदा।

अर्थ: सोनगिरी में रहने वाले केशवदत्त महाराज त्याग और सेवा के प्रतीक थे। उन्होंने ज्ञान की गंगा बहाई और सबको सही रास्ता दिखाया। हम हमेशा उनके बताए रास्ते पर चलते हैं।

कडवे ३
शिवचरण महाराज, अकोला में थे पूज्य,
उनकी भक्ति और ज्ञान थे अद्भुत, पूज्य।
प्रेम और दया का पाठ सिखाया सबने,
उनका जीवन है हमारे लिए एक सुंदर दर्पण।

अर्थ: अकोला में पूजे जाने वाले शिवचरण महाराज की भक्ति और ज्ञान अद्भुत थे। उन्होंने हमें प्रेम और दया का पाठ सिखाया। उनका जीवन हमारे लिए एक सुंदर प्रेरणा है।

कडवे ४
गुरुनाथ बाबा, गाणगापुर के संत,
गुरु-भक्ति का दिया था उन्होंने अंत।
गुरु ही हैं जीवन के सच्चे पथ प्रदर्शक,
यह ही सिखाया उन्होंने हमें बारंबार।

अर्थ: गाणगापुर के संत गुरुनाथ बाबा ने हमें गुरु-भक्ति का महत्व सिखाया। उन्होंने सिखाया कि गुरु ही हमारे जीवन के सच्चे मार्गदर्शक हैं।

कडवे ५
उनकी वाणी में थी सच्ची शांति,
उनके दर्शन से मिलती थी हर अशांति।
उनका स्मरण हमें देता है शक्ति,
चलने की राह पर, भक्ति और भक्ति।

अर्थ: उनकी बातों में सच्ची शांति थी और उनके दर्शन से मन की अशांति दूर होती थी। उन्हें याद करने से हमें शक्ति मिलती है, ताकि हम भक्ति के मार्ग पर चल सकें।

कडवे ६
पुण्यतिथि है ये, पर है नहीं विदाई,
उनका आशीर्वाद है सदा ही हमारे साथ।
आत्मा अमर है, उपदेश है अमर,
उनकी शिक्षाओं को हम करेंगे स्वीकार।

अर्थ: यह पुण्यतिथि है, पर यह विदाई नहीं है। उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है। उनकी आत्मा और उनके उपदेश अमर हैं, और हम उनकी शिक्षाओं को अपनाएंगे।

कडवे ७
आइए आज हम संकल्प लें,
संतों के बताए मार्ग पर चलेंगे हम।
निस्वार्थ सेवा और भक्ति का भाव,
अपने जीवन को हम बनाएंगे सफल।

अर्थ: आइए, आज हम यह संकल्प लें कि हम संतों द्वारा बताए गए मार्ग पर चलेंगे, निस्वार्थ सेवा और भक्ति का भाव रखेंगे, और अपने जीवन को सफल बनाएंगे।
 
--अतुल परब
--दिनांक-11.08.2025-सोमवार.
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