बेटा और बेटी दिवस: रिश्तों का उत्सव- दीर्घ हिंदी कविता-

Started by Atul Kaviraje, August 12, 2025, 10:47:10 AM

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Atul Kaviraje

बेटा और बेटी दिवस: रिश्तों का उत्सव-

दीर्घ हिंदी कविता-

कडवे १
आज का दिन है खुशियों से भरा,
बेटे और बेटी दिवस का है ये प्यारा नजारा।
दोनों ही हैं घर के अनमोल सितारे,
इनके बिना जीवन लगे अधूरा और बेचारा।

अर्थ: आज का दिन खुशियों से भरा है, क्योंकि यह बेटा और बेटी दिवस है। दोनों ही बच्चे घर के अनमोल तारे हैं, और उनके बिना जीवन अधूरा लगता है।

कडवे २
बेटी है घर की लक्ष्मी, बेटे हैं शान,
दोनों से ही होती है परिवार की पहचान।
बेटा भी घर की जिम्मेदारी निभाता,
बेटी भी घर को स्वर्ग बनाती।

अर्थ: बेटी घर की लक्ष्मी है और बेटा घर की शान है। दोनों से ही परिवार की पहचान बनती है। बेटा भी घर की जिम्मेदारी निभाता है और बेटी भी घर को स्वर्ग जैसा बनाती है।

कडवे ३
उनके सपनों को दो तुम पंख,
मत लगाओ उनके रास्तों पर कोई अंक।
बेटा भी चाँद पर जा सकता है,
बेटी भी दुनिया बदल सकती है।

अर्थ: बच्चों के सपनों को पूरा करने में उनकी मदद करें और उनके रास्तों में बाधा न डालें। बेटा भी चाँद पर जा सकता है और बेटी भी दुनिया को बदल सकती है।

कडवे ४
समानता का भाव मन में रखो,
बेटे और बेटी में कोई भेद न रखो।
दोनों को दो शिक्षा और प्यार,
दोनों ही हैं जीवन का सच्चा आधार।

अर्थ: अपने मन में समानता का भाव रखें और बेटे और बेटी में कोई भेदभाव न करें। दोनों को समान शिक्षा और प्यार दें, क्योंकि दोनों ही जीवन का सच्चा आधार हैं।

कडवे ५
माता-पिता का प्यार है एक समान,
दोनों ही हैं उनके लिए भगवान।
आज के दिन बच्चों को गले लगाओ,
उन्हें अपने दिल की हर बात बताओ।

अर्थ: माता-पिता का प्यार दोनों बच्चों के लिए एक जैसा होता है। आज के दिन अपने बच्चों को गले लगाएं और अपने दिल की बात उनसे कहें।

कडवे ६
बच्चों की मुस्कान से खिलता है घर,
उनकी किलकारियों से दूर होता है हर डर।
बच्चों की बातें सुनो और समझो,
उनके बचपन को खुशियों से भरो।

अर्थ: बच्चों की मुस्कान से घर में खुशियाँ आती हैं और उनकी आवाज़ से डर दूर होता है। बच्चों की बातों को सुनें और समझें, और उनके बचपन को खुशियों से भर दें।

कडवे ७
आज का दिन है खास, बहुत ही खास,
प्यार और सम्मान का है ये एहसास।
बेटे और बेटी का साथ है अनमोल,
यह दिन मनाओ, बजाकर ढोल।

अर्थ: आज का दिन बहुत खास है, क्योंकि यह प्यार और सम्मान का एहसास कराता है। बेटे और बेटी का साथ अनमोल है, और इस दिन को ढोल बजाकर मनाओ।

--अतुल परब
--दिनांक-11.08.2025-सोमवार.
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