महिला सक्षमीकरण: एक नए युग की शुरुआत-कविता: "सशक्त नारी, विकसित समाज"-👩‍👧‍👦➡️

Started by Atul Kaviraje, August 12, 2025, 03:15:10 PM

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Atul Kaviraje

महिला सक्षमीकरण: एक नए युग की शुरुआत-

हिंदी कविता: "सशक्त नारी, विकसित समाज"-

चरण 1:
वह देवी है, वह है शक्ति,
उसकी हर राह है उन्नति।
उसे ना बांधो अब सीमाओं में,
वह रच सकती है नए इतिहास को।
अर्थ: नारी देवी और शक्ति का रूप है। उसकी हर राह प्रगति की ओर जाती है। उसे किसी सीमा में बाँधना नहीं चाहिए, क्योंकि वह नए इतिहास रच सकती है।

चरण 2:
शिक्षा का दीपक जलाओ,
अज्ञान का अंधकार मिटाओ।
कलम की ताकत है उसके पास,
वह बन सकती है देश की आस।
अर्थ: महिलाओं को शिक्षित करना बहुत ज़रूरी है। शिक्षा की कलम की ताक़त से वह देश के लिए एक नई उम्मीद बन सकती है।

चरण 3:
घर की चौखट से बाहर निकलो,
अपने पंखों को अब तुम खोलो।
आसमान की उड़ान भरनी है,
अपनी पहचान खुद गढ़नी है।
अर्थ: अब महिलाओं को घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपने सपनों को पूरा करना चाहिए। उन्हें आसमान में ऊँची उड़ान भरकर अपनी पहचान खुद बनानी चाहिए।

चरण 4:
राजनीति हो या विज्ञान,
हर क्षेत्र में मिले सम्मान।
फ़ैसला लेने का अधिकार हो,
हर राह में बस प्यार हो।
अर्थ: राजनीति से लेकर विज्ञान तक, हर क्षेत्र में महिलाओं को सम्मान मिलना चाहिए। उन्हें अपने जीवन के फ़ैसले ख़ुद लेने का अधिकार होना चाहिए।

चरण 5:
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,
हर घर में यह संदेश फैलाओ।
जन्म से ही मिले सम्मान,
जीवनभर मिले पूरा मान।
अर्थ: "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" का नारा हर घर तक पहुँचना चाहिए। जन्म से ही लड़की को सम्मान मिलना चाहिए और जीवनभर उसे बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए।

चरण 6:
रूढ़िवादी सोच को छोड़ दो,
भेदभाव की दीवारें तोड़ दो।
मिलकर चलो, कदम से कदम,
नारी-पुरुष का हो हरदम।
अर्थ: पुरानी और रूढ़िवादी सोच को छोड़कर भेदभाव की दीवारों को तोड़ देना चाहिए। स्त्री और पुरुष को मिलकर, कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए।

चरण 7:
जब नारी होगी सशक्त,
तभी होगा समाज विकसित।
राष्ट्र का होगा मान महान,
यही है असली हिंदुस्तान।
अर्थ: जब महिलाएँ सशक्त होंगी, तभी हमारा समाज सही मायने में विकसित होगा। तभी हमारे राष्ट्र का गौरव बढ़ेगा और यही असली भारत होगा।

[सारांश] : 👩�👧�👦➡️📚💡➡️🌟➡️🇮🇳💪

--अतुल परब
--दिनांक-12.08.2025-मंगळवार.
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