अंगारक संकष्ट चतुर्थी: भक्ति और समर्पण का पर्व- 12 अगस्त, 2025-

Started by Atul Kaviraje, August 13, 2025, 11:02:25 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

अंगारक संकष्ट चतुर्थी-

अंगारक संकष्ट चतुर्थी: भक्ति और समर्पण का पर्व-

आज, 12 अगस्त, 2025, मंगलवार है और आज का दिन अंगारक संकष्ट चतुर्थी के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान गणेश की आराधना और भक्ति का एक विशेष अवसर है। मान्यता है कि मंगलवार के दिन जब संकष्ट चतुर्थी आती है, तो उसे अंगारक संकष्ट चतुर्थी कहा जाता है। यह संयोग बहुत ही शुभ माना जाता है और इस दिन पूजा करने से भक्तों के जीवन से सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं।

10 प्रमुख बिंदु जो अंगारक संकष्ट चतुर्थी के महत्व को दर्शाते हैं:

गणेश जी की आराधना: अंगारक संकष्ट चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है, जो बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माने जाते हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। 🙏

मंगल ग्रह का प्रभाव: 'अंगारक' शब्द का संबंध मंगल ग्रह से है। माना जाता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। 🔴

व्रत और पूजा: इस दिन भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत खोलते हैं। यह व्रत बहुत ही कठोर होता है और पूरी श्रद्धा के साथ किया जाता है।  fasting

संकटों से मुक्ति: इस दिन व्रत रखने और गणेश जी की पूजा करने से भक्तों के जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। गणेश जी को 'संकटमोचन' भी कहा जाता है, जो अपने भक्तों के सभी संकट हर लेते हैं। 🛡�

विघ्नहर्ता का आशीर्वाद: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जिसका अर्थ है बाधाओं को दूर करने वाला। इस दिन उनकी पूजा करने से वे भक्तों के जीवन की हर बाधा को दूर करते हैं और उन्हें सफलता का आशीर्वाद देते हैं। 🐘

मोदक और दूर्वा: गणेश जी को मोदक (मिठाई) और दूर्वा (एक प्रकार की घास) बहुत पसंद है। इस दिन उनकी पूजा में मोदक और दूर्वा अवश्य चढ़ाई जाती है, जिससे वे प्रसन्न होते हैं। 🍬🌿

चंद्र दर्शन का महत्व: इस व्रत में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है। चंद्र दर्शन के बिना व्रत अधूरा रहता है। 🌙

पारिवारिक सुख और शांति: यह व्रत परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लाता है। इसे करने से घर का वातावरण सकारात्मक रहता है और सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है। 👨�👩�👧�👦

कथा का श्रवण: इस दिन गणेश जी की कथा सुनना बहुत ही शुभ माना जाता है। कथा सुनने से व्रत का पूरा फल मिलता है और मन को शांति मिलती है। 📖

सकारात्मकता का संचार: अंगारक संकष्ट चतुर्थी का व्रत और पूजा करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे भक्तों का आत्मबल बढ़ता है और वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। ✨

अंगारक संकष्ट चतुर्थी का यह पावन पर्व हमें भगवान गणेश के प्रति हमारी भक्ति और समर्पण को दर्शाता है। यह एक ऐसा दिन है जब हम अपने सभी दुखों को भूलकर गणेश जी की शरण में जाते हैं और उनसे अपने जीवन को सुखमय बनाने की प्रार्थना करते हैं। 🕉�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-12.08.2025-मंगळवार.
===========================================