आचार्य अत्रे जयंती- कविता: आचार्य अत्रे, एक युग निर्माता-

Started by Atul Kaviraje, August 14, 2025, 11:33:29 AM

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Atul Kaviraje

आचार्य अत्रे जयंती-

कविता: आचार्य अत्रे, एक युग निर्माता-

चरण 1
कलम चली तो क्रांति आई, अन्याय पर तलवार बन गई,
हास्य, व्यंग्य की बौछार से, समाज की जड़ हिल गई।
अर्थ: अत्रे जी की लेखनी इतनी शक्तिशाली थी कि उसने समाज में क्रांति ला दी। उनके हास्य और व्यंग्य से समाज की पुरानी सोच हिल गई।

चरण 2
रंगमंच पर जब वे आए, हर किरदार जीवंत हो उठा,
जीवन की सच्चाई को, हर नाटक में गढ़ दिया।
अर्थ: उन्होंने नाटकों के माध्यम से जीवन की सच्चाई को दर्शाया, जिससे हर किरदार सजीव और प्रभावशाली लगा।

चरण 3
वाणी में जादू ऐसा था, जन-जन का मन मोह लिया,
संयुक्त महाराष्ट्र के सपने को, साकार उन्होंने कर दिया।
अर्थ: उनकी भाषण शैली इतनी आकर्षक थी कि उन्होंने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया और संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

चरण 4
पत्रकारिता का धर्म निभाया, निडर होकर आवाज उठाई,
सच को सच कहा हमेशा, चाहे जितनी मुश्किलें आई।
अर्थ: उन्होंने एक निडर पत्रकार के रूप में हमेशा सच का साथ दिया और अपनी लेखनी से लोगों को जागरूक किया।

चरण 5
फिल्म 'श्यामची आई' से, माँ की ममता को समझाया,
कला के हर क्षेत्र में, अपनी छाप को फैलाया।
अर्थ: उन्होंने अपनी फिल्म 'श्यामची आई' के माध्यम से माँ के प्रेम का महत्व दर्शाया और कला के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

चरण 6
बहुमुखी प्रतिभा के धनी, विचार उनके अनमोल हैं,
अत्रे जी की विरासत, आज भी हमारे बोल हैं।
अर्थ: उनकी बहुमुखी प्रतिभा और विचार आज भी प्रासंगिक हैं और उनकी विरासत हमेंशा प्रेरणा देती रहेगी।

चरण 7
आचार्य अत्रे अमर रहें, यह दिन उनका सम्मान है,
उनके दिखाए रास्ते पर चलना, हमारा अभिमान है।
अर्थ: हम आचार्य अत्रे को हमेशा याद रखेंगे और उनके आदर्शों पर चलना हमारे लिए गर्व की बात है।

--अतुल परब
--दिनांक-13.08.2025-बुधवार.
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