श्री टेंबेस्वामी जयंती- कविता: श्री टेंबेस्वामी, एक दिव्य जीवन-

Started by Atul Kaviraje, August 14, 2025, 11:34:52 AM

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Atul Kaviraje

श्री टेंबेस्वामी जयंती-

कविता: श्री टेंबेस्वामी, एक दिव्य जीवन-

चरण 1
श्री वासुदेव, टेंबेस्वामी, दिव्य स्वरूप तुम्हारा है,
दत्तगुरु की भक्ति में, जीवन सारा गुजारा है।
अर्थ: हे श्री टेंबेस्वामी, आपका स्वरूप दिव्य है। आपने अपना पूरा जीवन भगवान दत्तात्रेय की भक्ति में समर्पित कर दिया।

चरण 2
ज्ञान की ज्योति तुमने जलाई, हर दिल को रोशन कर दिया,
अद्वैत का सार समझाया, जग को मार्ग दिखा दिया।
अर्थ: आपने अपने ज्ञान से लोगों के दिलों में प्रकाश भर दिया और अद्वैत वेदांत के सार को समझाकर संसार को सही मार्ग दिखाया।

चरण 3
'गुरुचरित्र' को सरल बनाया, हर घर में भक्ति जगाई,
दिव्य चमत्कारों से तुमने, श्रद्धा की अलख जगाई।
अर्थ: आपने 'गुरुचरित्र' का सरल अनुवाद करके घर-घर में भक्ति का संचार किया और अपने चमत्कारों से लोगों की श्रद्धा को और गहरा किया।

चरण 4
मानव सेवा ही धर्म है, यह संदेश तुमने दिया,
दुखियारों के आँसू पोंछे, सबका तुमने साथ दिया।
अर्थ: आपने मानवता की सेवा को ही सच्चा धर्म माना और दुखियों के आँसू पोंछकर सबका साथ दिया।

चरण 5
तपस्या और वैराग्य से, जीवन को पावन कर लिया,
सांसारिक मोह-माया को, तुमने सहज ही त्याग दिया।
अर्थ: आपने कठोर तपस्या और वैराग्य के मार्ग पर चलकर अपने जीवन को पवित्र बनाया और सांसारिक सुखों का आसानी से त्याग कर दिया।

चरण 6
भक्ति का सच्चा रूप तुम्ही, प्रेम की मूर्ति तुम ही हो,
तुम्हारे चरणों में स्वामी, हमारा नमन तुम ही हो।
अर्थ: आप भक्ति के सच्चे प्रतीक हैं और प्रेम की मूर्ति हैं। हम आपके चरणों में अपना नमन अर्पित करते हैं।

चरण 7
हे टेंबेस्वामी, अमर रहो, यह दिवस तुम्हारा सम्मान है,
तुम्हारे आदर्शों पर चलना, हमारा सौभाग्य और अभिमान है।
अर्थ: हे टेंबेस्वामी, आप हमेशा अमर रहेंगे। यह दिवस आपका सम्मान करने के लिए है और आपके आदर्शों पर चलना हमारा सौभाग्य और गर्व है।

--अतुल परब
--दिनांक-13.08.2025-बुधवार.
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