"क्यों आते हैं रोंगटे?"

Started by Atul Kaviraje, August 14, 2025, 04:43:12 PM

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Atul Kaviraje

हिंदी कविता (Hindi Poem)

"क्यों आते हैं रोंगटे?"

**1. **
क्यों आती है सिहरन तन में,
जब ठंडी हवाएं छूती हैं।
छोटे-छोटे दाने उठते हैं,
और रोम-रोम को छू लेती हैं।
अर्थ: जब ठंडी हवा चलती है, तो हमारे शरीर में सिहरन होती है और त्वचा पर छोटे-छोटे उभार आ जाते हैं, जिसे हम रोंगटे कहते हैं।

**2. **
डर जब मन में घर कर जाए,
या कोई गहरा भाव उमड़ आए।
दिल की धड़कन तेज हो जाए,
और एड्रेनालिन दौड़ जाए।
अर्थ: जब हमें डर लगता है या कोई मजबूत भावना महसूस होती है, तो दिल की धड़कन बढ़ जाती है और एड्रेनालिन हार्मोन निकलता है।

**3. **
ये तो है शरीर का प्राचीन तंत्र,
बचाव का एक पुराना मंत्र।
गर्मी को अंदर रखने का,
यह है अद्भुत और अनोखा यंत्र।
अर्थ: रोंगटे आना हमारे शरीर का एक पुराना तरीका है, जो ठंड से बचाव के लिए गर्मी को अंदर रोककर रखता है।

**4. **
जब कोई मधुर गीत मन को भाए,
या कोई सुंदर दृश्य लुभाए।
तब भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं,
क्योंकि हृदय को कुछ तो छू जाए।
अर्थ: सुंदर संगीत या दृश्य देखकर भी रोंगटे आते हैं, क्योंकि ये सीधे हमारे दिल और भावनाओं को छूते हैं।

**5. **
पुराने पूर्वजों का है ये निशान,
शिकारी से बचने का था एक मान।
भले ही अब बाल न हो उतने घने,
फिर भी यह प्रतिक्रिया है महान।
अर्थ: यह हमारे पूर्वजों का एक जैविक अवशेष है, जो उन्हें शिकारियों से बचाने में मदद करता था, और आज भी हमारे शरीर में मौजूद है।

**6. **
यह है एक अद्भुत शारीरिक खेल,
मस्तिष्क और त्वचा का सुंदर मेल।
भावनाओं से जुड़े हैं इसके तार,
जैसे बिजली का बहता हो कोई रेल।
अर्थ: यह एक न्यूरोलॉजिकल प्रक्रिया है जहाँ मस्तिष्क और त्वचा एक साथ काम करते हैं, भावनाओं को व्यक्त करने के लिए।

**7. **
कभी खुशी में, कभी गम में,
यह आता है हर पल-पल में।
एक अनकही कहानी कहता,
यह हर इंसान के तन-मन में।
अर्थ: रोंगटे खुशी और गम दोनों में आ सकते हैं, और यह हर व्यक्ति की एक अनूठी शारीरिक और भावनात्मक कहानी बताता है।

--अतुल परब
--दिनांक-14.08.2025-गुरुवार.
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