हम चीजों को क्यों भूल जाते हैं? 🤷‍♀️ "भूलना भी है जरूरी"

Started by Atul Kaviraje, August 14, 2025, 04:50:17 PM

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Atul Kaviraje

हम चीजों को क्यों भूल जाते हैं? 🤷�♀️

हिंदी कविता (Hindi Poem)

"भूलना भी है जरूरी"

**1. **
क्यों भूल जाते हैं हम बातें,
क्यों भूल जाते हैं कुछ मुलाकातें।
कुछ नाम, कुछ चेहरे, कुछ पल,
क्यों याद नहीं रहते कुछ भी बातें।
अर्थ: यह कविता सवाल उठाती है कि हम कुछ नाम, चेहरे और मुलाकातें क्यों भूल जाते हैं।

**2. **
कुछ बातें दिमाग से मिटती हैं,
जैसे कागज पर लिखा हुआ नाम।
जब हम दोहराते नहीं उनको,
तो हो जाता है यादों का काम तमाम।
अर्थ: जब हम किसी जानकारी को दोहराते नहीं, तो वह धीरे-धीरे हमारे दिमाग से मिट जाती है।

**3. **
यह कोई कमजोरी नहीं है,
यह तो है दिमाग की सफाई।
जो कचरा निकाल देता है,
और देता है एक नई दिशा।
अर्थ: भूलना दिमाग की एक प्रक्रिया है, जहाँ वह अनावश्यक जानकारी को हटाकर दिमाग को साफ करता है।

**4. **
नई जानकारी आती है जब,
पुरानी से करती है मुकाबला।
दोनों में जब होती है जंग,
तो एक को हारना होता है भला।
अर्थ: जब नई जानकारी आती है, तो वह पुरानी जानकारी को भूलने का कारण बन सकती है।

**5. **
तनाव और नींद की कमी से,
याददाश्त हो जाती है कमजोर।
मस्तिष्क को आराम चाहिए,
ताकि वह न बने बोर।
अर्थ: तनाव और नींद की कमी के कारण हमारी याददाश्त पर नकारात्मक असर पड़ता है।

**6. **
कुछ यादें हम जानबूझकर,
मस्तिष्क से दूर कर देते हैं।
जो दर्द देती हैं हमको,
उन्हें हम भूला देते हैं।
अर्थ: हम कुछ दर्दनाक यादों को जानबूझकर भूलने की कोशिश करते हैं ताकि उनसे बचा जा सके।

**7. **
तो भूलने से न घबराना तुम,
यह तो है जीवन का एक हिस्सा।
याददाश्त को रखो तुम मजबूत,
और भूलने को बनाओ एक किस्सा।
अर्थ: हमें भूलने की आदत से घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि यह जीवन का एक सामान्य हिस्सा है।

--अतुल परब
--दिनांक-14.08.2025-गुरुवार.
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