श्री ज्ञानेश्वर काटकर महाराज पुण्यतिथी-कोल्हापूर- हिंदी कविता-

Started by Atul Kaviraje, August 15, 2025, 12:03:21 PM

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Atul Kaviraje

श्री ज्ञानेश्वर काटकर महाराज पुण्यतिथी-कोल्हापूर-

हिंदी कविता-

(१)
आज पुण्यतिथि है महान संत की,
ज्ञानेश्वर महाराज की पावन कृति।
कोल्हापूर की धरती पर,
चमके उनका नाम हर घर।
अर्थ: आज महान संत ज्ञानेश्वर महाराज की पुण्यतिथि है। कोल्हापूर की धरती पर उनका नाम हर घर में चमकता है।

(२)
भक्ति का मार्ग दिखाया उन्होंने,
जीवन को सार्थक बनाया उन्होंने।
विठ्ठल की भक्ति में लीन हुए,
प्रेम की धारा को बहाया उन्होंने।
अर्थ: उन्होंने हमें भक्ति का मार्ग दिखाया और जीवन को सार्थक बनाया। वे भगवान विठ्ठल की भक्ति में लीन होकर प्रेम की धारा बहाते रहे।

(३)
छुआछूत का विरोध किया,
सबको एक सूत्र में पिरोया।
शिक्षा का महत्व समझाया,
समाज को एक नई दिशा दी।
अर्थ: उन्होंने छुआछूत का विरोध किया और सबको एक साथ जोड़ा। शिक्षा का महत्व समझाकर उन्होंने समाज को एक नई दिशा दी।

(४)
सादगी से जीवन जिया,
सच्ची सेवा का पाठ पढ़ाया।
अपने कर्मों से दिखाया,
जीवन का सार समझाया।
अर्थ: उन्होंने सादगी से जीवन जिया और सच्ची सेवा का पाठ पढ़ाया। अपने कर्मों से उन्होंने हमें जीवन का सार समझाया।

(५)
आश्रम बना एक तीर्थस्थल,
जहाँ भक्तों का होता है मेला।
भजन-कीर्तन की गूँज उठती,
मन को मिले परम सुख।
अर्थ: उनका आश्रम आज भक्तों के लिए तीर्थस्थल बन गया है, जहाँ उनका मेला लगता है। वहाँ भजन-कीर्तन की गूँज से मन को परम सुख मिलता है।

(६)
उनकी शिक्षाएँ हैं अमर,
जो हैं हर युग में प्रासंगिक।
सत्य, प्रेम और सेवा का संदेश,
जीवन को बनाए स्वर्ग।
अर्थ: उनकी शिक्षाएँ अमर हैं और हर युग में प्रासंगिक हैं। सत्य, प्रेम और सेवा का उनका संदेश हमारे जीवन को स्वर्ग बनाता है।

(७)
पुण्यतिथि पर हम करते प्रणाम,
याद करते हैं उनके महान काम।
उनके आदर्शों को अपनाएँ,
जीवन को सफल बनाएँ।
अर्थ: उनकी पुण्यतिथि पर हम उन्हें प्रणाम करते हैं और उनके महान कार्यों को याद करते हैं। उनके आदर्शों को अपनाकर हम अपने जीवन को सफल बनाएँ।

--अतुल परब
--दिनांक-14.08.2025-गुरुवार.
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