15 अगस्त, शुक्रवार जरा-जीवंतिका पूजन 🙏🤱👶✨🙏🤱👶✨🛡️🧼🪔💛💚🍎📖🗣️🎶🤲🤝👩‍

Started by Atul Kaviraje, August 16, 2025, 11:56:05 AM

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Atul Kaviraje

जरा-जीवांतिका पूजन-

15 अगस्त, शुक्रवार

जरा-जीवंतिका पूजन
🙏🤱👶✨

भारतीय संस्कृति में संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए कई व्रत और पूजा-अर्चना की जाती हैं। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण और पवित्र पूजन है जरा-जीवंतिका पूजन, जो विशेष रूप से महाराष्ट्र और आस-पास के क्षेत्रों में श्रावण मास के प्रत्येक शुक्रवार को किया जाता है। इस पूजन में जरा देवी और जीवांतिका देवी की उपासना की जाती है, जो बच्चों की रक्षा करती हैं।

10 प्रमुख बिंदु:
जरा-जीवंतिका का परिचय: जरा देवी को महाभारत काल से जुड़ा माना जाता है। कहते हैं कि उन्होंने जरासंध को जोड़ा था। जीवांतिका देवी को संतान की रक्षक देवी माना जाता है। इस पूजन के पीछे बच्चों को बुरी नजर और बीमारियों से बचाने की मान्यता है। 🤱🛡�

पूजन का समय: यह पूजन विशेष रूप से श्रावण मास के प्रत्येक शुक्रवार को किया जाता है। श्रावण का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और यह महीना प्रकृति और आध्यात्मिकता से भरा होता है। 🌙✨

पूजन विधि: पूजा की शुरुआत घरों की साफ-सफाई और स्नान से होती है। देवी की मूर्ति या चित्र को एक साफ जगह पर स्थापित किया जाता है। इसके बाद, जल, कुमकुम, हल्दी, फूल और अक्षत से देवी की पूजा की जाती है। 🧼🪔

प्रतीकात्मक वस्तुएं: इस पूजन में हल्दी-कुमकुम, मेहंदी, काजल और सप्तधान्य (सात प्रकार के अनाज) का विशेष महत्व है। ये सभी चीजें समृद्धि, स्वास्थ्य और सुरक्षा का प्रतीक हैं। 💛💚

व्रत और उपवास: इस दिन महिलाएं निराहार या फलाहार व्रत रखती हैं। यह व्रत देवी के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को दर्शाता है और बच्चों के लिए उनके त्याग का प्रतीक है। 🍎🙏

बच्चों का पूजन: पूजा के बाद, देवी को अर्पण किया गया प्रसाद बच्चों को दिया जाता है। इस दिन बच्चों को नए कपड़े पहनाकर उनकी आरती की जाती है और उन्हें आशीष दिया जाता है। यह बच्चों के प्रति प्यार और सम्मान को दर्शाता है। 👶🎁

कथा का श्रवण: पूजन के बाद जरा-जीवंतिका की कथा सुनी जाती है। यह कथा बच्चों को सुरक्षित रखने और बुरी शक्तियों से बचाने का महत्व बताती है। 📖🗣�

आरती और प्रार्थना: पूजा का समापन देवी की आरती से होता है। आरती गाते समय सभी मिलकर बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रार्थना करते हैं। 🎶🤲

सामाजिक महत्व: यह पूजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह एक सामाजिक आयोजन भी है। इस दिन महिलाएं एक-दूसरे के घर जाकर हल्दी-कुमकुम लगाती हैं और एक-दूसरे को बधाई देती हैं, जिससे सामाजिक बंधन मजबूत होते हैं। 🤝👩�👩�👧�👧

परोपकार और दान: इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। लोग गरीबों को अनाज और वस्त्र दान करते हैं। यह पूजन समाज में परोपकार की भावना को बढ़ावा देता है। 🎁❤️

Emoji सारांश:

🙏🤱👶✨🛡�🧼🪔💛💚🍎📖🗣�🎶🤲🤝👩�👩�👧�👧🎁❤️

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-15.08.2025-शुक्रवार.
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