चिली महाराज जयंती, पैजारवाड़ी एवं दादा महाराज केलकर जयंती, सांगली-🙏✨🏡❤️📚🧑‍🏫

Started by Atul Kaviraje, August 16, 2025, 11:58:32 AM

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Atul Kaviraje

1-चिली महाराज जयंती-पैजारवाड़ी-

2-दादा महाराज केलकर जयंती-सांगली-

15 अगस्त, शुक्रवार

चिली महाराज जयंती, पैजारवाड़ी एवं दादा महाराज केलकर जयंती, सांगली-

हिंदी कविता-

चरण 1: संत धरती पर आए

धरती पर जब संत आए,

भक्ति के दीप जलाए।

चिली महाराज, दादा महाराज,

जीवन का देते सच्चा राज।

अर्थ: जब धरती पर संत आते हैं, तो वे भक्ति का प्रकाश फैलाते हैं। चिली महाराज और दादा महाराज जैसे संतों ने हमें जीवन का सही मार्ग दिखाया।

चरण 2: भक्ति का मार्ग दिखाया

पैजारवाड़ी में चिली महाराज,

सांगली में दादा महाराज।

दोनों ने भक्ति का मार्ग दिखाया,

जीवन को उज्ज्वल बनाया।

अर्थ: पैजारवाड़ी के चिली महाराज और सांगली के दादा महाराज ने हमें भक्ति का मार्ग दिखाया और हमारे जीवन को रोशन किया।

चरण 3: सादगी और त्याग

त्याग की मूरत चिली महाराज,

सदाचार का देते थे राज।

दादा महाराज का गहरा ज्ञान,

जीवन को दे गया नया मान।

अर्थ: चिली महाराज त्याग की मूर्ति थे और सादगी का महत्व सिखाते थे। दादा महाराज ने अपने ज्ञान से जीवन को एक नया सम्मान दिया।

चरण 4: प्रेम और सद्भाव

प्रेम का संदेश फैलाया,

जात-पात का भेद मिटाया।

सबको अपना मानकर,

जीवन को दिया नया आकार।

अर्थ: दोनों संतों ने प्रेम का संदेश फैलाया और जाति-भेद को दूर किया। उन्होंने सभी को अपना माना और जीवन को एक नया रूप दिया।

चरण 5: ज्ञान का प्रकाश

भजन कीर्तन से ज्ञान दिया,

हर मन को शांत किया।

उनकी वाणी में जादू था,

हर प्रश्न का उत्तर था।

अर्थ: उन्होंने भजन और प्रवचनों से ज्ञान का प्रकाश फैलाया और हर मन को शांत किया। उनकी वाणी में हर समस्या का समाधान था।

चरण 6: परोपकार का संदेश

गरीबों की सेवा की,

दुखियों की पीड़ा ली।

परोपकार ही धर्म है,

यह उनका सच्चा कर्म है।

अर्थ: उन्होंने गरीबों की सेवा की और दुखियों की पीड़ा को दूर किया। परोपकार को ही अपना सच्चा धर्म और कर्म माना।

चरण 7: अमर रहे संतों का नाम

संतों की यह अमर कहानी,

करती है जीवन में रहनुमाई।

चिली-दादा महाराज का नाम,

सदा रहेगा हमारे धाम।

अर्थ: इन संतों की अमर कहानी हमें जीवन में सही मार्ग दिखाती रहेगी। चिली महाराज और दादा महाराज का नाम हमारे हृदयों में हमेशा जीवित रहेगा।

कविता का संक्षिप्त अर्थ और सारांश:

यह कविता दो महान संतों, चिली महाराज और दादा महाराज केलकर, की जयंती के महत्व को दर्शाती है। यह उनके जीवन के मुख्य पहलुओं जैसे भक्ति, त्याग, ज्ञान, सादगी और समाज सेवा को उजागर करती है। कविता हमें उनके उपदेशों को अपनाने और जीवन में प्रेम, सद्भाव और परोपकार को अपनाने की प्रेरणा देती है।

संकेत और Emoji:

🙏✨🏡❤️📚🧑�🏫🎶🕊�🎁

--अतुल परब
--दिनांक-15.08.2025-शुक्रवार.
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