कुछ खाद्य पदार्थ हमें स्वादिष्ट क्यों लगते हैं?- हिंदी कविता: स्वाद का जादू-

Started by Atul Kaviraje, August 16, 2025, 08:32:14 PM

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Atul Kaviraje

कुछ खाद्य पदार्थ हमें स्वादिष्ट क्यों लगते हैं?-

हिंदी कविता: स्वाद का जादू-

(१) पर क्यों कुछ खाना लगता है अच्छा?
पर क्यों कुछ खाना लगता है अच्छा, यह सवाल बड़ा ही गहरा।
जब जीभ पर मीठा लगता, मन हो जाता है खुशियों से भरा।
क्यों कुछ खाते ही, दिल कह उठता, वाह! यह क्या जादू है।
पर क्यों कुछ खाना लगता है अच्छा, यह सवाल बड़ा ही गहरा।
(अर्थ: इस चरण में भोजन के स्वाद और उसके मन पर पड़ने वाले जादू पर जिज्ञासा व्यक्त की गई है।)

(२) स्वाद कलिकाएँ हैं रानी
स्वाद कलिकाएँ हैं रानी, जो हर स्वाद की पहचान करती हैं।
मीठा, नमकीन, खट्टा, कड़वा, ये सब हमें बताती हैं।
पांच स्वादों की दुनिया, जो हमारी जीभ पर बसती है।
स्वाद कलिकाएँ हैं रानी, जो हर स्वाद की पहचान करती हैं।
(अर्थ: यह चरण स्वाद कलिकाओं और पाँच प्रमुख स्वादों का वर्णन करता है।)

(३) मस्तिष्क का है खेल सारा
मस्तिष्क का है खेल सारा, जो डोपामाइन को जारी करता है।
जब खाएँ हम स्वादिष्ट कुछ, खुशी का यह एहसास दिलाता है।
यह एक पुरस्कार है, जो हमें और खाने को प्रेरित करता है।
मस्तिष्क का है खेल सारा, जो डोपामाइन को जारी करता है।
(अर्थ: इस चरण में डोपामाइन के जारी होने और खुशी के अनुभव के बीच संबंध को बताया गया है।)

(४) गंध और बनावट का साथ है
गंध और बनावट का साथ है, जो स्वाद को पूरा करता है।
कुरकुरी आवाज, नरम एहसास, हर अनुभव को खास करता है।
यह एक symphony है, जो हमारे दिल को छूता है।
गंध और बनावट का साथ है, जो स्वाद को पूरा करता है।
(अर्थ: यह चरण स्वाद में गंध और बनावट की महत्वपूर्ण भूमिका का वर्णन करता है।)

(५) यह तो है बचपन की यादें
यह तो है बचपन की यादें, जो हमें खाना पसंद कराती हैं।
दादी माँ के हाथ का जादू, जो हमें सुकून दिलाता है।
मन को शांत करता, हमें खुशी से भर देता है।
यह तो है बचपन की यादें, जो हमें खाना पसंद कराती हैं।
(अर्थ: इस चरण में मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कारकों के प्रभाव का वर्णन है।)

(६) भूख हमें सिखाती है
भूख हमें सिखाती है, भोजन का महत्व हमें बताती है।
जब पेट खाली होता, हर चीज स्वादिष्ट लगती है।
यह एक जैविक आवश्यकता है, जो हमें जीने को प्रेरित करती है।
भूख हमें सिखाती है, भोजन का महत्व हमें बताती है।
(अर्थ: यह चरण भूख की जैविक आवश्यकता और स्वाद पर उसके प्रभाव को बताता है।)

(७) स्वाद तो बस एक अनुभव है
स्वाद तो बस एक अनुभव है, जो हमारे मन को भाता है।
यह विज्ञान और दिल का, एक सुंदर संगम है।
चलो खाएँ हम वह जो पसंद है, और खुश रहें सदा।
स्वाद तो बस एक अनुभव है, जो हमारे मन को भाता है।
(अर्थ: यह अंतिम चरण भोजन को एक वैज्ञानिक और भावनात्मक अनुभव के रूप में बताता है, और हमें अपनी पसंद का आनंद लेने की प्रेरणा देता है।)

--अतुल परब
--दिनांक-16.08.2025-शनिवार.
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