हम टालमटोल क्यों करते हैं?- हिंदी कविता: कल की आदत-

Started by Atul Kaviraje, August 16, 2025, 08:38:09 PM

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Atul Kaviraje

हम टालमटोल क्यों करते हैं?-

हिंदी कविता: कल की आदत-

(१) पर क्यों कल पर टालते हैं?
पर क्यों कल पर टालते हैं, क्यों आज हम डरते हैं।
जो काम है हमें करना, उसे क्यों हम छोड़ते हैं।
यह एक आदत है, जो हमें आगे बढ़ने से रोकती है।
पर क्यों कल पर टालते हैं, क्यों आज हम डरते हैं।
(अर्थ: इस चरण में टालमटोल की आदत और उसके कारण होने वाली रुकावट पर जिज्ञासा व्यक्त की गई है।)

(२) बड़ा काम जब सामने आता
बड़ा काम जब सामने आता, तो मन हमारा घबराता।
यह होगा कैसे, यह सोचकर, हम उसे टाल जाते हैं।
छोटे-छोटे टुकड़ों में, उसे क्यों नहीं करते।
बड़ा काम जब सामने आता, तो मन हमारा घबराता।
(अर्थ: यह चरण बड़े और जटिल कार्यों को टालने की प्रवृत्ति का वर्णन करता है।)

(३) मन को चाहिए बस आराम
मन को चाहिए बस आराम, वह मेहनत से भागता है।
मोबाइल की दुनिया में, वह घंटों बिताता है।
यह तुरंत खुशी का जाल है, जो हमें फँसाता है।
मन को चाहिए बस आराम, वह मेहनत से भागता है।
(अर्थ: इस चरण में तुरंत संतुष्टि पाने की इच्छा और व्याकुलता के कारण होने वाली टालमटोल को बताया गया है।)

(४) असफलता का है एक डर
असफलता का है एक डर, जो हमें काम करने से रोकता है।
क्या होगा अगर मैं फेल हो गया, यह सवाल हमें सताता है।
इसलिए काम ही ना करना, यह आसान लगता है।
असफलता का है एक डर, जो हमें काम करने से रोकता है।
(अर्थ: यह चरण असफलता के डर और टालमटोल के बीच के संबंध का वर्णन करता है।)

(५) कल करूँगा यह झूठ है
कल करूँगा यह झूठ है, जो हम खुद से कहते हैं।
आज का काम आज करूँगा, यह हम भूल जाते हैं।
समय की यह धारा है, जो बहती जाती है।
कल करूँगा यह झूठ है, जो हम खुद से कहते हैं।
(अर्थ: यह चरण टालमटोल के दौरान खुद को दिए जाने वाले झूठे आश्वासन का उल्लेख करता है।)

(६) टालमटोल एक बीमारी नहीं
टालमटोल एक बीमारी नहीं, यह तो एक बुरी आदत है।
हम इसे बदल सकते हैं, यदि हम ठान लें।
छोटे-छोटे कदम उठाकर, हम इसे दूर कर सकते हैं।
टालमटोल एक बीमारी नहीं, यह तो एक बुरी आदत है।
(अर्थ: यह चरण बताता है कि टालमटोल एक बदलने योग्य आदत है, कोई बीमारी नहीं।)

(७) चलो अब शुरू करें
चलो अब शुरू करें, हर काम को आज ही करें।
आज का काम आज करें, कल का बोझ न बढ़ाएँ।
जो काम को करता नहीं, वह कभी आगे बढ़ता नहीं।
चलो अब शुरू करें, हर काम को आज ही करें।
(अर्थ: यह अंतिम चरण हमें टालमटोल की आदत को छोड़कर तुरंत काम शुरू करने के लिए प्रेरित करता है।)

--अतुल परब
--दिनांक-16.08.2025-शनिवार.
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