लोग अंधविश्वासों में क्यों विश्वास करते हैं?- हिंदी कविता: विश्वास का धागा-

Started by Atul Kaviraje, August 16, 2025, 08:41:40 PM

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Atul Kaviraje

लोग अंधविश्वासों में क्यों विश्वास करते हैं?-

हिंदी कविता: विश्वास का धागा-

(१) पर क्यों मन यह मानता है?
पर क्यों मन यह मानता है, जो आँखों से न दिखता है।
क्यों बिल्ली के रास्ते पर, हम अचानक डर जाते हैं।
यह डर है या विश्वास, जो हमें बहकाता है।
पर क्यों मन यह मानता है, जो आँखों से न दिखता है।
(अर्थ: इस चरण में अंधविश्वासों के प्रति मन की स्वीकार्यता और उनसे जुड़े डर पर जिज्ञासा व्यक्त की गई है।)

(२) अनजाने का एक डर है
अनजाने का एक डर है, जो हमें घेरे रहता है।
क्या होगा कल, यह सोचकर, मन हमारा घबराता है।
इसलिए हम धागे बांधते, ताकि सुकून मिल जाए।
अनजाने का एक डर है, जो हमें घेरे रहता है।
(अर्थ: यह चरण अनिश्चितता के डर और नियंत्रण की भावना पाने के लिए अंधविश्वासों का सहारा लेने का वर्णन करता है।)

(३) यह एक पुरानी कहानी है
यह एक पुरानी कहानी है, जो दादी हमें सुनाती हैं।
अच्छे-बुरे की बातें, हमारे मन में बैठाती हैं।
यह परंपरा का बोझ है, जो हम पीढ़ी-दर-पीढ़ी ढोते हैं।
यह एक पुरानी कहानी है, जो दादी हमें सुनाती हैं।
(अर्थ: इस चरण में अंधविश्वासों के पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होने की सामाजिक प्रक्रिया को बताया गया है।)

(४) जब मन को नहीं मिलता जवाब
जब मन को नहीं मिलता जवाब, तो यह राह खोजता है।
क्यों हुआ यह सब मेरे साथ, यह सवाल बार-बार पूछता है।
तब अंधविश्वासों में, यह सरल उत्तर पाता है।
जब मन को नहीं मिलता जवाब, तो यह राह खोजता है।
(अर्थ: यह चरण बताता है कि लोग वैज्ञानिक ज्ञान की कमी के कारण अंधविश्वासों में उत्तर खोजते हैं।)

(५) यह एक भ्रम है मन का
यह एक भ्रम है मन का, जो कारण-प्रभाव को जोड़ता है।
अगर एक बार कुछ हुआ, तो हमेशा वैसा ही सोचेगा।
यह एक झूठ है, जो हमें बहकाता है।
यह एक भ्रम है मन का, जो कारण-प्रभाव को जोड़ता है।
(अर्थ: यह चरण कारण और प्रभाव के भ्रम को बताता है जो अंधविश्वासों को जन्म देता है।)

(६) विश्वासों की एक दीवार है
विश्वासों की एक दीवार है, जो हमें सच से दूर रखती है।
पर जब हम उसे तोड़ें, तो नई राह दिखती है।
यह हिम्मत की एक उड़ान है, जो हमें मुक्त करती है।
विश्वासों की एक दीवार है, जो हमें सच से दूर रखती है।
(अर्थ: यह चरण अंधविश्वासों को तोड़ने और सच को स्वीकार करने की चुनौती के बारे में है।)

(७) आओ हम सब ज्ञान फैलाएँ
आओ हम सब ज्ञान फैलाएँ, अंधविश्वास को दूर भगाएँ।
सत्य की रोशनी जलाकर, हर सवाल का हल पाएँ।
अपने मन की ताकत से, हम दुनिया को बेहतर बनाएँ।
आओ हम सब ज्ञान फैलाएँ, अंधविश्वास को दूर भगाएँ।
(अर्थ: यह अंतिम चरण अंधविश्वासों को खत्म करने और ज्ञान व तर्क को बढ़ावा देने की प्रेरणा देता है।)

--अतुल परब
--दिनांक-16.08.2025-शनिवार.
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