हमारे अलग-अलग व्यक्तित्व प्रकार क्यों होते हैं?- हिंदी कविता: व्यक्तित्व के रंग

Started by Atul Kaviraje, August 16, 2025, 08:44:31 PM

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Atul Kaviraje

हमारे अलग-अलग व्यक्तित्व प्रकार क्यों होते हैं?-

हिंदी कविता: व्यक्तित्व के रंग-

(१) पर क्यों मन यह अलग-अलग है?पर क्यों मन यह अलग-अलग है, क्यों हर कोई अलग-अलग दिखता है।कोई शांत स्वभाव का, कोई हर पल हँसता है।यह एक पहेली है, जो हमें उलझाती है।पर क्यों मन यह अलग-अलग है, क्यों हर कोई अलग-अलग दिखता है।(अर्थ: इस चरण में मानव व्यक्तित्व की विविधता पर जिज्ञासा व्यक्त की गई है।)

(२) कुछ है जो हमें मिलाकुछ है जो हमें मिला, जन्म के उस धागे से।जीन और मस्तिष्क के, उन गूढ़ रहस्यों से।यह एक विरासत है, जो हमें अनूठी बनाती है।कुछ है जो हमें मिला, जन्म के उस धागे से।(अर्थ: यह चरण व्यक्तित्व पर आनुवंशिकी और जीन के प्रभाव का वर्णन करता है।)

(३) घर और परिवार का सायाघर और परिवार का साया, जिसने हमें आकार दिया।वह प्यार और परवरिश, जिसने हमें बहुत कुछ दिया।यह एक मिट्टी है, जिसमें हमारा व्यक्तित्व पला है।घर और परिवार का साया, जिसने हमें आकार दिया।(अर्थ: इस चरण में बचपन की परवरिश और पारिवारिक माहौल की भूमिका को बताया गया है।)

(४) जो हमने सीखा, जो हमने खोयाजो हमने सीखा, जो हमने खोया, हर अनुभव ने हमें बदला।जो दर्द हमने सहा, जो खुशी हमने पाई, हर घटना ने हमें आकार दिया।यह जीवन का पाठ है, जो हमें समझाता है।जो हमने सीखा, जो हमने खोया, हर अनुभव ने हमें बदला।(अर्थ: यह चरण जीवन के अनुभवों और घटनाओं के व्यक्तित्व पर पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन करता है।)

(५) समाज और संस्कृति का रंगसमाज और संस्कृति का रंग, जो हम पर चढ़ा है।वह रीति-रिवाज और मूल्य, जिसने हमें बहुत कुछ दिया।यह एक पहचान है, जो हम खुद से जोड़ते हैं।समाज और संस्कृति का रंग, जो हम पर चढ़ा है।(अर्थ: यह चरण व्यक्तित्व पर सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभावों को बताता है।)

(६) यह कोई गलती नहींयह कोई गलती नहीं, यह तो एक उपहार है।अलग-अलग रंग होना, यह तो एक कमाल है।यह विविधता ही तो है, जो इस दुनिया को सुंदर बनाती है।यह कोई गलती नहीं, यह तो एक उपहार है।(अर्थ: यह चरण व्यक्तित्व की विविधता को एक सकारात्मक और सुंदर चीज के रूप में प्रस्तुत करता है।)

(७) आओ हम सब समझेंआओ हम सब समझें, हर इंसान को हम स्वीकारें।उसकी अपनी दुनिया है, उसे हम सम्मान करें।क्योंकि हर व्यक्तित्व का, एक अनोखा महत्व है।आओ हम सब समझें, हर इंसान को हम स्वीकारें।(अर्थ: यह अंतिम चरण हमें व्यक्तित्व की विविधता को स्वीकार करने और हर इंसान का सम्मान करने की प्रेरणा देता है।)

--अतुल परब
--दिनांक-16.08.2025-शनिवार.
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