जन्माष्टमी: भक्ति और आनंद का महापर्व-

Started by Atul Kaviraje, August 17, 2025, 11:43:27 AM

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Atul Kaviraje

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जन्माष्टमी: भक्ति और आनंद का महापर्व-

हिंदी कविता: जन्माष्टमी-

(१) आज की रात है बड़ी सुहानी
आज की रात है बड़ी सुहानी, कृष्ण की है अमर कहानी।
कंस का कारागार टूटा, देवकी ने बालक को पाया।
यमुना ने रास्ता दिया, वासुदेव ने उसे पार कराया।
आज की रात है बड़ी सुहानी, कृष्ण की है अमर कहानी।
(अर्थ: इस चरण में भगवान कृष्ण के जन्म की रात का वर्णन है, जिसमें कंस का कारागार टूटने और वासुदेव द्वारा यमुना पार करने की घटना का उल्लेख है।)

(२) मोर मुकुट और बांसुरी प्यारी
मोर मुकुट और बांसुरी प्यारी, गोकुल में गूंजी हर घर में।
राधा और गोपियां नाचें, प्रेम में डूबी हर दिल में।
माखन चुराए, सबको हंसाए, लीलाएं करें वो न्यारी।
मोर मुकुट और बांसुरी प्यारी, गोकुल में गूंजी हर घर में।
(अर्थ: यह चरण कृष्ण के बाल रूप और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है, जिसमें मोरपंख, बांसुरी और माखन चोरी का जिक्र है।)

(३) भक्ति का सागर उमड़ा है आज
भक्ति का सागर उमड़ा है आज, हर दिल में है उनका ही राज।
मंदिरों में बजते घंटे, हर घर में है उनका ही वास।
रास लीलाएं सजती हैं, भक्ति के रंग चढ़ते हैं।
भक्ति का सागर उमड़ा है आज, हर दिल में है उनका ही राज।
(अर्थ: इस चरण में जन्माष्टमी के दिन भक्तों की भक्ति भावना और मंदिरों में होने वाले उत्सवों का वर्णन है।)

(४) दही हांडी का खेल निराला
दही हांडी का खेल निराला, युवा जोश ने पिरामिड बनाया।
गिरते-गिरते भी, सबने मिलकर, हांडी को आखिर फोड़ दिखाया।
एकता और साहस का यह प्रतीक, हर साल यह पर्व लाता।
दही हांडी का खेल निराला, युवा जोश ने पिरामिड बनाया।
(अर्थ: यह चरण दही-हांडी उत्सव का वर्णन करता है, जिसमें युवाओं की एकता और साहस को दर्शाया गया है।)

(५) गीता का संदेश है प्यारा
गीता का संदेश है प्यारा, कर्म ही है धर्म हमारा।
कठिन समय में भी, सच का साथ देना, यही है जीवन का किनारा।
श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सिखाया, जीवन जीने का सही तरीका।
गीता का संदेश है प्यारा, कर्म ही है धर्म हमारा।
(अर्थ: इस चरण में भगवान कृष्ण द्वारा दिए गए गीता के उपदेश का उल्लेख है, जिसमें कर्म के महत्व पर जोर दिया गया है।)

(६) सुख-दुःख का यह जीवन है
सुख-दुःख का यह जीवन है, हर मोड़ पर कृष्ण की है राह।
भक्ति से ही मिलता है, जीवन में सच्ची आह।
आओ सब मिलकर गाएं, कृष्ण के गीत सुरीले।
सुख-दुःख का यह जीवन है, हर मोड़ पर कृष्ण की है राह।
(अर्थ: यह चरण जीवन में सुख-दुःख की बात करता है और यह बताता है कि भक्ति से ही जीवन में सच्चा सुख मिलता है।)

(७) जन्मदिन है तुम्हारा, नंदलाला
जन्मदिन है तुम्हारा, नंदलाला, हम सब कान्हा को करते प्रणाम।
सुख-शांति और प्रेम दो सबको, जीवन में हो सबका शुभ काम।
आओ मिलकर मनाएं यह पर्व, दिल से कहें जय श्री श्याम।
जन्मदिन है तुम्हारा, नंदलाला, हम सब कान्हा को करते प्रणाम।
(अर्थ: यह अंतिम चरण भगवान कृष्ण को जन्मदिन की बधाई देता है और उनसे सभी के लिए सुख, शांति और प्रेम की प्रार्थना करता है।)

--अतुल परब
--दिनांक-16.08.2025-शनिवार.
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