सूर्याचा मघा नक्षत्र प्रवेश-वाहन-मेंढक- हिंदी कविता: सूर्य और मेढक-

Started by Atul Kaviraje, August 17, 2025, 11:46:55 AM

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Atul Kaviraje

सूर्याचा मघा नक्षत्र प्रवेश-वाहन-मेंढक-

हिंदी कविता: सूर्य और मेढक-

(१) आज सूर्य ने ली करवट
आज सूर्य ने ली करवट, मघा नक्षत्र में हुआ प्रवेश,
मेढक की टर्र-टर्र सुनकर, मन में छाया सुखद संदेश।
बरसेगी अब अच्छी वर्षा, हर खेत में होगा नया जोश,
आज सूर्य ने ली करवट, मघा नक्षत्र में हुआ प्रवेश।
(अर्थ: इस चरण में सूर्य के मघा नक्षत्र में प्रवेश और मेढक के वाहन होने से होने वाली अच्छी वर्षा के संकेत का वर्णन है।)

(२) राजा सूर्य का है सम्मान
राजा सूर्य का है सम्मान, मघा का है राजसी शान।
दोनों का है यह मिलन, देता जीवन को नया ज्ञान।
जो पूजे इस काल में, उसका बढ़ेगा यश और मान।
राजा सूर्य का है सम्मान, मघा का है राजसी शान।
(अर्थ: यह चरण सूर्य और मघा नक्षत्र के राजसी और प्रभावशाली मिलन का वर्णन करता है, जिससे यश और सम्मान में वृद्धि होती है।)

(३) किसानों के चेहरे पर मुस्कान
किसानों के चेहरे पर मुस्कान, अब दूर होगी उनकी थकान।
मेढक का वाहन है आया, लेकर आया वर्षा का वरदान।
फसलें अब लहलहाएंगी, धरती होगी हरी-भरी।
किसानों के चेहरे पर मुस्कान, अब दूर होगी उनकी थकान।
(अर्थ: इस चरण में मेढक के वाहन होने से किसानों के जीवन में आने वाली खुशी और समृद्धि का वर्णन है।)

(४) जीवन का यह चक्र है चलता
जीवन का यह चक्र है चलता, हर क्षण कुछ नया है आता।
सूर्य का यह परिवर्तन, हमें प्रकृति का पाठ पढ़ाता।
मिलकर रहना सीखो, यही जीवन का धर्म है।
जीवन का यह चक्र है चलता, हर क्षण कुछ नया है आता।
(अर्थ: यह चरण जीवन में परिवर्तन और प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने के आध्यात्मिक संदेश का उल्लेख करता है।)

(५) दान-पुण्य का यह समय है
दान-पुण्य का यह समय है, मन में भक्ति का भाव है।
जल और अन्न का दान करो, दूर होगा हर अभाव है।
सूर्य को अर्घ्य दो, मन को शांति मिलेगी।
दान-पुण्य का यह समय है, मन में भक्ति का भाव है।
(अर्थ: इस चरण में इस समय किए जाने वाले दान-पुण्य और भक्ति के महत्व पर जोर दिया गया है।)

(६) हर जीव को जीवन मिलता
हर जीव को जीवन मिलता, जब सूर्य का प्रकाश फैलता।
मघा नक्षत्र की शक्ति से, हर दिल में विश्वास जगता।
यह परिवर्तन है शुभ, यह हर संकट से बचाता।
हर जीव को जीवन मिलता, जब सूर्य का प्रकाश फैलता।
(अर्थ: यह चरण सूर्य की शक्ति और मघा नक्षत्र के प्रभाव से मिलने वाले सकारात्मक ऊर्जा और विश्वास का वर्णन करता है।)

(७) आओ हम सब मिलकर मनाएँ
आओ हम सब मिलकर मनाएँ, इस शुभ घड़ी का जश्न मनाएँ।
प्रकृति के साथ मिलकर, हम जीवन को सजाएँ।
सूर्य और मेढक का यह मिलन, हमें नया संदेश देता।
आओ हम सब मिलकर मनाएँ, इस शुभ घड़ी का जश्न मनाएँ।
(अर्थ: यह अंतिम चरण हमें इस शुभ घटना को मिलकर मनाने और प्रकृति का सम्मान करने के लिए प्रेरित करता है।)

--अतुल परब
--दिनांक-16.08.2025-शनिवार.
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