🌞 आदित्य पूजन: भक्तिभाव से भरा एक विस्तृत लेख 🌞

Started by Atul Kaviraje, August 18, 2025, 11:24:41 AM

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Atul Kaviraje

आदित्य पूजन-

🌞 आदित्य पूजन: भक्तिभाव से भरा एक विस्तृत लेख 🌞

आज, १७ अगस्त, रविवार, का दिन सूर्य देव की आराधना के लिए समर्पित है। हमारे धर्मग्रंथों में सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना गया है, जिन्हें हम अपनी आँखों से देख सकते हैं। सूर्य की उपासना को आदित्य पूजन कहते हैं। यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए, जानते हैं आदित्य पूजन का महत्व और इससे जुड़े १० प्रमुख बिंदु। 🙏

१. सूर्य का महत्व:
सूर्य जगत के प्राण हैं। वे हमें प्रकाश, ऊर्जा और जीवन देते हैं। सूर्योदय के साथ ही समस्त सृष्टि में चेतना और स्फूर्ति आती है। वे न केवल जीवन का स्रोत हैं, बल्कि ज्योतिष में वे आत्मा, पिता, सम्मान और सफलता के कारक भी माने जाते हैं। ☀️

२. पूजन का शुभ दिन:
आदित्य पूजन के लिए रविवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा और व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

३. पूजन की विधि:
आदित्य पूजन की विधि सरल और अत्यंत प्रभावशाली है। प्रातःकाल स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद सूर्योदय के समय एक तांबे के लोटे में जल लें। इसमें लाल चंदन, लाल फूल और अक्षत (चावल) डालें। अब सूर्य की ओर मुख करके 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करते हुए उन्हें जल अर्पित करें। इस प्रक्रिया को अर्घ्य देना कहते हैं। 💧

४. मंत्र जाप का महत्व:
सूर्य को अर्घ्य देते समय 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' या 'ॐ आदित्याय नमः' जैसे मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ होता है। ये मंत्र सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और मन को शांति देते हैं।

५. अर्घ्य देने का तरीका:
अर्घ्य देते समय जल की धार के बीच से सूर्य को देखना चाहिए। यह आँखों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर में विटामिन-डी का निर्माण होता है और सकारात्मकता बढ़ती है। ☀️

६. स्वास्थ्य लाभ:
सूर्य देव की पूजा का वैज्ञानिक महत्व भी है। सूर्य की किरणों में सुबह-सुबह खड़े होने से हमारे शरीर को विटामिन-डी मिलता है, जो हड्डियों के लिए आवश्यक है। इससे रक्त संचार में सुधार होता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 🧘�♂️

७. मनोकामना पूर्ति:
मान्यता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से सूर्य देव की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सूर्य देव यश, सम्मान, बल और बुद्धि प्रदान करते हैं।

८. ज्योतिषीय प्रभाव:
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को नवग्रहों का राजा माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो उसे आदित्य पूजन करने की सलाह दी जाती है। इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। 🔮

९. पूजा में सामग्री:
सूर्य पूजा में लाल रंग की वस्तुओं का विशेष महत्व है। इसमें लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल (जैसे गुड़हल), और गुड़ या लाल मिठाई का भोग लगाया जाता है।

१०. सूर्य नमस्कार का महत्व:
सूर्य पूजा के साथ-साथ सूर्य नमस्कार भी सूर्य उपासना का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह एक योगिक क्रिया है जिसमें १२ आसन होते हैं, जो सूर्य की ऊर्जा को शरीर में समाहित करने में मदद करते हैं। सूर्य नमस्कार करने से शरीर में लचीलापन आता है और मन शांत होता है। 🧘�♀️

🙏 सारांश: आदित्य पूजन सिर्फ एक कर्मकांड नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति हमारे सम्मान और आभार को व्यक्त करने का एक तरीका है। यह हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ और मजबूत बनाता है। ☀️

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-17.08.2025-रविवार.
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