एक वैक्सीन हमें वायरस से कैसे बचाती है?- हिंदी कविता: 'सुरक्षा का कवच'-

Started by Atul Kaviraje, August 18, 2025, 04:51:11 PM

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Atul Kaviraje

एक वैक्सीन हमें वायरस से कैसे बचाती है?-

हिंदी कविता: 'सुरक्षा का कवच'-

1. पहला चरण
आया एक छोटा सा वायरस, अनदेखा और अनजान।
डर से भर गया जग सारा, खतरे में थी सबकी जान।
फिर आए विज्ञान के साथी, एक नई उम्मीद लेकर।
बोले, "एक छोटा टीका, देगा जीवन भर का सुख।"

अर्थ: यह चरण वायरस के खतरे और वैक्सीन की उम्मीद को दर्शाता है।

2. दूसरा चरण
वैक्सीन में है एक सेना, दुश्मन की तस्वीर लिए।
कमजोर और बेदम वो, सिर्फ है लड़ने की बात किए।
शरीर हमारा देखता, ये कौन आया नया मेहमान।
प्रतिरक्षा तंत्र जाग उठता, लड़ने को हो तैयार।

अर्थ: इस चरण में वैक्सीन में मौजूद वायरस के कमजोर या निष्क्रिय रूप का वर्णन है, जो प्रतिरक्षा तंत्र को सक्रिय करता है।

3. तीसरा चरण
फिर बनते हैं सैनिक खास, जिनका नाम एंटीबॉडी है।
पहचान कर वायरस को, वो सीधा उस पर हमला करते हैं।
मेमोरी सेल्स भी बनते हैं, जो तस्वीर को रखते हैं याद।
ताकि अगली बार वो दुश्मन, न कर पाए कोई भी फ़साद।

अर्थ: यह चरण बताता है कि कैसे प्रतिरक्षा तंत्र एंटीबॉडी और मेमोरी सेल्स बनाता है, जो वायरस की याद रखते हैं।

4. चौथा चरण
जब सचमुच का वायरस, शरीर में करता प्रवेश।
मेमोरी सेल्स पहचान लेते, वो पुराना और वही वेश।
तुरंत ही बजता अलार्म, सेना होती तैयार।
सटीक एंटीबॉडी बनती, करती दुश्मन पर प्रहार।

अर्थ: इस चरण में बताया गया है कि असली वायरस आने पर मेमोरी सेल्स उसे कैसे पहचानते हैं और प्रतिरक्षा तंत्र को सक्रिय करते हैं।

5. पांचवाँ चरण
तेजी से हमला होता, वायरस होता निष्क्रिय।
रोक देते उसकी ताकत, नहीं होता वो सक्रिय।
बीमारी हमें नहीं होती, या होती तो बहुत हल्की।
क्योंकि हमारी सेना ने, दे दी थी उसे फौरन सजा।

अर्थ: यह चरण वायरस के निष्क्रिय होने और बीमारी के हल्के होने की प्रक्रिया का वर्णन करता है।

6. छठा चरण
ये सुरक्षा सिर्फ मेरी नहीं, यह पूरे समाज की है।
जब सब लगते हैं टीका, तो बात बड़ी सीधी सी है।
वायरस के लिए जगह नहीं, वो भटकता है अकेला।
रोग का चक्र टूट जाता, हर जगह होता उजियारा।

अर्थ: इस चरण में हर्ड इम्युनिटी के लाभ का वर्णन है, जो पूरे समुदाय को सुरक्षा प्रदान करती है।

7. सातवाँ चरण
टीका है विज्ञान का वरदान, ये है हमारा कवच।
जीवन को ये सुरक्षित करे, यही इसका है सच।
तो आओ सब मिलकर, इसे हम अपनाएं।
अपने और अपनों के लिए, एक सुरक्षित दुनिया बनाएं।

अर्थ: यह अंतिम चरण वैक्सीन को अपनाने और एक सुरक्षित दुनिया बनाने के लिए प्रेरित करता है।

--अतुल परब
--दिनांक-18.08.2025-सोमवार.
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