श्रावणी सोमवार: शिवपूजन और शिवामुठ का महत्व-शिव ॐ ➡️ श्रावण 🌧️➡️ सोमवार 🙏➡️ पू

Started by Atul Kaviraje, August 19, 2025, 11:40:26 AM

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Atul Kaviraje

श्रावणी सोमवार शिवपूजन, शिवामुठ-जवस-

श्रावणी सोमवार: शिवपूजन और शिवामुठ का महत्व-

सावन का महीना, जिसे श्रावण मास भी कहते हैं, भारतीय संस्कृति और धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और इसमें की गई पूजा-अर्चना का फल कई गुना अधिक माना जाता है। इस पूरे मास में, खासकर सोमवार के दिन, शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। श्रावण सोमवार का व्रत और पूजन शिव की कृपा पाने का एक सरल और प्रभावी तरीका माना गया है।

1. श्रावण मास का परिचय और महत्व 🌺🌿🔔
श्रावण मास, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में आता है, वर्ष का पांचवा महीना है। यह वर्षा ऋतु का समय होता है, जब प्रकृति हरी-भरी हो जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब हलाहल नामक भयंकर विष निकला था, तो सृष्टि को बचाने के लिए भगवान शिव ने उसे स्वयं पी लिया था। विष का प्रभाव कम करने के लिए सभी देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इसीलिए, सावन में शिव को जल चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह महीना हमें प्रकृति के साथ जुड़ने और त्याग की भावना सिखाता है।

2. श्रावण सोमवार की विशेषता 🙏💧🧘�♀️
यूँ तो हर दिन शिव की पूजा होती है, लेकिन श्रावण मास का सोमवार सबसे खास माना जाता है। 'सोम' का अर्थ चंद्रमा से भी है, जो भगवान शिव के मस्तक पर सुशोभित है। सोमवार को शिव का दिन माना जाता है, और जब यह दिन श्रावण के पावन महीने में आता है, तो इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

3. पौराणिक कथाएँ और शिव की महिमा 🐍🌙🔱
शिव ही सृष्टि के संहारक और पालक हैं। मान्यता है कि श्रावण मास में माता पार्वती ने शिवजी को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और सोमवार का व्रत भी रखा था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस कारण, अविवाहित लड़कियाँ मनचाहा वर पाने के लिए श्रावण सोमवार का व्रत रखती हैं। इसके अलावा, समुद्र मंथन की घटना ने भी इस मास को शिव के प्रति समर्पण का प्रतीक बना दिया।

4. शिवामुठ का अनुष्ठान 🙏🌾🌰
शिवामुठ का अर्थ है 'शिव पर एक मुट्ठी अनाज चढ़ाना'। यह श्रावण सोमवार के व्रत का एक अभिन्न अंग है। प्रत्येक सोमवार को एक विशेष प्रकार का अनाज मुट्ठी भर कर शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है। यह विशेष रूप से कुँवारी कन्याएँ और सौभाग्यवती स्त्रियाँ करती हैं। यह अनुष्ठान इस बात का प्रतीक है कि व्यक्ति अपनी समृद्धि का एक छोटा सा हिस्सा भगवान को समर्पित करता है, और बदले में वे उनकी कृपा और आशीर्वाद पाते हैं।

5. पहले सोमवार: जवस (जौ) 🌿🌾✨
श्रावण के पहले सोमवार को शिवामुठ में जवस (जौ) चढ़ाया जाता है। उदाहरण: अगर आपके पास जवस नहीं है, तो आप चावल या गेहूँ भी चढ़ा सकते हैं, लेकिन जवस का विशेष महत्व है। जवस को जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। यह अन्न हमें यह सिखाता है कि जिस प्रकार बीज से पौधा उत्पन्न होता है, उसी प्रकार हमारी भक्ति से जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली का संचार होता है। जवस चढ़ाने से आरोग्य, शांति और यश की प्राप्ति होती है।

6. शिवपूजन की सरल विधि 🧘�♂️🔔🌸
शिवपूजन अत्यंत सरल है, पर भक्तिभाव से किया जाना चाहिए।

सुबह जल्दी उठें: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।

संकल्प: मन में शिवजी की पूजा का संकल्प लें।

अभिषेक: शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी और फिर जल का अभिषेक करें।

अर्पण: बेलपत्र, शमी पत्र, धतूरा, आक के फूल और भस्म अर्पित करें।

शिवामुठ: अपनी मुट्ठी में पहले सोमवार को जवस लेकर शिव मंत्रों का जाप करते हुए श्रद्धापूर्वक शिवलिंग पर चढ़ाएँ।

आरती और मंत्र जाप: 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें और अंत में आरती करें।

7. व्रत का महत्व और लाभ 🍎🧘�♀️✨
श्रावण सोमवार का व्रत केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभकारी है। इस दिन उपवास करने से शरीर की शुद्धि होती है। यह आत्म-संयम सिखाता है और मन को शांत रखता है। यह व्रत हमें अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना और ईश्वर के प्रति समर्पण का भाव जगाता है। आध्यात्मिक रूप से, यह हमें शिव के निकट ले जाता है और आंतरिक शांति प्रदान करता है।

8. मनोकामनाएँ और प्रार्थनाएँ 🙏❤️✨
भक्त अपनी अलग-अलग मनोकामनाओं के साथ शिव के दरबार में आते हैं। अविवाहित लड़कियाँ अच्छे वर के लिए, सुहागिन स्त्रियाँ अपने पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-शांति के लिए, और अन्य भक्त धन, समृद्धि, स्वास्थ्य और मोक्ष के लिए प्रार्थना करते हैं। शिव अत्यंत दयालु हैं और कहा जाता है कि वे सच्चे मन से की गई हर प्रार्थना सुनते हैं।

9. भक्ति के उदाहरण 📖💖🌟
पौराणिक कथाओं में ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ सच्ची भक्ति ने असंभव को संभव कर दिखाया। उदाहरण: मार्कंडेय ऋषि की कथा, जिन्होंने अपनी भक्ति से मृत्यु के देवता यम को भी परास्त कर दिया था। इसी तरह, रावण ने अपनी कठोर तपस्या से शिवजी को प्रसन्न किया और उनसे कई वरदान प्राप्त किए। ये कहानियाँ हमें सिखाती हैं कि भक्ति में असीम शक्ति होती है।

10. निष्कर्ष: आस्था और समर्पण का पर्व 🧘�♀️💖🔔
श्रावण मास और इसके सोमवार केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं हैं, बल्कि ये आस्था, समर्पण और प्रकृति के प्रति सम्मान का पर्व हैं। ये हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में कठिनाइयाँ कितनी भी हों, सच्ची भक्ति और विश्वास से हम हर चुनौती का सामना कर सकते हैं। यह महीना हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर देता है।

📝 इमोजी सारांश
शिव ॐ ➡️ श्रावण 🌧�➡️ सोमवार 🙏➡️ पूजा-अभिषेक 💧➡️ शिवामुठ 🌾➡️ जवस 🌿➡️ मनोकामना ✨➡️ भक्ति 💖➡️ शांति 🧘➡️ मोक्ष 🌟

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-18.08.2025-सोमवार.
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