हिंदी कविता: भवानी माँ की महिमा-

Started by Atul Kaviraje, August 20, 2025, 11:31:36 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

3-भवानी देवी यात्रा-जरंडी, तालुका - तासगाव-

हिंदी कविता: भवानी माँ की महिमा-

जरंडी गाँव में आई माता भवानी,
भक्ति की लहर हर ओर छाई।
श्रावण मास का मंगलवार है आज,
देवी की महिमा का है राज।
अर्थ: जरंडी गाँव में देवी भवानी आई हैं, जिससे भक्ति की लहर हर तरफ फैल गई है। श्रावण महीने का मंगलवार है आज, और देवी की महिमा हर जगह राज कर रही है।

पालकी निकली, भक्त साथ चले,
झूमते-गाते, देवी के गुण बोले।
ढोल-ताशे की गूँज सुनाई,
आए देवी के भक्त भाई-भाई।
अर्थ: देवी की पालकी निकली है, और भक्त उनके साथ चल रहे हैं। वे झूमते-गाते देवी के गुणगान कर रहे हैं। ढोल-ताशों की गूंज सुनाई दे रही है और देवी के भक्त एक साथ आए हैं।

गुलाल उड़ा, फूलों की वर्षा,
देवी की कृपा से हर मन हर्षा।
सासन काठी का अद्भुत खेल,
भक्ति और आस्था का है मेल।
अर्थ: गुलाल उड़ रहा है और फूलों की बारिश हो रही है, देवी की कृपा से हर मन खुश है। सासन काठी का अद्भुत खेल भक्ति और आस्था का संगम है।

हर घर में पकवान बनते,
प्रसाद का स्वाद सब चखते।
बच्चों से लेकर बूढ़े तक,
सबका मन है भक्ति में लिपटा।
अर्थ: हर घर में स्वादिष्ट पकवान बन रहे हैं और सब प्रसाद का स्वाद ले रहे हैं। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, सभी का मन भक्ति में लीन है।

देवी भवानी देती आशीष,
दूर कर देती हर पीर।
जो भी मांगे सच्चे मन से,
पूरी हो हर मुराद उनसे।
अर्थ: देवी भवानी भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और हर दुख-दर्द को दूर कर देती हैं। जो भी सच्चे मन से कुछ भी मांगता है, उसकी हर इच्छा पूरी हो जाती है।

यह यात्रा सिर्फ एक रस्म नहीं,
यह है एकता और प्रेम की निशानी।
पुरानी पीढ़ी से नई तक,
जुड़े है सब एक धागे में।
अर्थ: यह यात्रा सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि यह एकता और प्रेम की निशानी है। पुरानी पीढ़ी से लेकर नई पीढ़ी तक, सभी एक धागे में जुड़े हैं।

जय हो भवानी माँ की,
भर दो सब के घर में खुशियाँ।
तुम ही हो हमारी आशा,
तुम ही हो हमारी भाषा।
अर्थ: देवी भवानी की जय हो! सबके घरों में खुशियाँ भर दो। तुम ही हमारी आशा हो, तुम ही हमारी भाषा हो।

--अतुल परब
--दिनांक-19.08.2025-मंगळवार.
===========================================