बुधवार, २० अगस्त २०२५: बुध पूजन और प्रदोष व्रत-

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2025, 11:25:24 AM

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Atul Kaviraje

1-बुध पूजन-

२-प्रदोष-

बुधवार, २० अगस्त २०२५: बुध पूजन और प्रदोष व्रत-

आज, बुधवार, २० अगस्त २०२५ को, एक अत्यंत शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन बुध ग्रह की पूजा के साथ-साथ प्रदोष व्रत भी पड़ रहा है। यह एक विशेष अवसर है जब दो महत्वपूर्ण पूजाएं एक ही दिन की जाती हैं, जिससे भक्तों को दोगुना लाभ मिलता है। बुध ग्रह बुद्धि, वाणी और व्यापार का कारक है, जबकि प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन इन दोनों की पूजा करने से जीवन में ज्ञान, समृद्धि और शांति आती है। 🙏

१. बुध पूजन: महत्व, विधि और लाभ
बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। यह बुद्धि, वाणी, तर्क और व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। जिन लोगों की कुंडली में बुध कमजोर होता है, उन्हें वाणी संबंधी समस्याएं, व्यापार में नुकसान और एकाग्रता की कमी का सामना करना पड़ता है। बुधवार को बुध पूजन करने से इन समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

बुध पूजन का महत्व:

बुद्धि और ज्ञान: यह पूजा छात्रों और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। इससे एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है। 🧠

व्यापार में सफलता: व्यापार में उन्नति और धन लाभ के लिए बुध पूजन अत्यंत प्रभावशाली है। 📈

वाणी की शुद्धता: यह पूजा वाणी को मधुर और प्रभावशाली बनाती है, जिससे संवाद कौशल में सुधार होता है। 🗣�

मानसिक शांति: बुध पूजन से मन शांत रहता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। 🧘

बुध पूजन की विधि:

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और हरे रंग के वस्त्र पहनें।

बुध देव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और उनके सामने घी का दीपक जलाएं।

पूजा में हरी वस्तुएं जैसे हरी मूंग दाल, हरे फूल, पालक और हरे वस्त्र का उपयोग करें।

बुध मंत्र का जाप करें: "ॐ बुं बुधाय नमः"। इस मंत्र का ११, २१ या १०८ बार जाप करें।

पूजा के बाद हरी मूंग दाल का दान करें या गाय को खिलाएं। 🐮

२. प्रदोष व्रत: भगवान शिव की कृपा पाने का विशेष दिन
प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को आता है। बुधवार को पड़ने वाले प्रदोष को बुध प्रदोष कहा जाता है, जिसका विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। प्रदोष काल सूर्यास्त से ४५ मिनट पहले और बाद तक का समय होता है। इस समय पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। 🔱

प्रदोष व्रत का महत्व:

स्वास्थ्य लाभ: बुध प्रदोष व्रत रखने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और शरीर निरोगी रहता है। 💪

मोक्ष की प्राप्ति: यह व्रत मोक्ष और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। ✨

इच्छा पूर्ति: सच्चे मन से व्रत रखने वाले भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। 🙏

पापों से मुक्ति: यह व्रत सभी पापों से मुक्ति दिलाकर जीवन में सुख और शांति लाता है। 🕊�

प्रदोष व्रत की विधि:

पूरे दिन उपवास रखें। अगर संभव न हो तो फलाहार कर सकते हैं।

प्रदोष काल (शाम) में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

शिव मंदिर में जाकर या घर पर ही शिवलिंग की पूजा करें।

शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी, शक्कर और जल से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा और फूल चढ़ाएं।

महामृत्युंजय मंत्र या शिव चालीसा का पाठ करें।

प्रदोष व्रत कथा सुनें और आरती करें। 🎶

पूजा के बाद प्रसाद बांटें और फिर भोजन ग्रहण करें।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-20.08.2025-बुधवार.
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