कृषि क्षेत्र में सुधार: किसानों की आय दोगुनी करने की चुनौतियाँ-🌾💪💧💰📈🇮🇳😊

Started by Atul Kaviraje, August 21, 2025, 11:42:37 AM

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Atul Kaviraje

कृषि क्षेत्र में सुधार: किसानों की आय दोगुनी करने की चुनौतियाँ-

किसानों की आय पर कविता-

1. धरती का सीना चीर के, दाना उगाता हूँ
धरती का सीना चीर के, दाना उगाता हूँ,
पसीने से अपनी मैं, हरियाली लाता हूँ।
मजदूरी मिलती नहीं, मेहनत का फल नहीं,
पेट खाली है फिर भी, मैं मुस्कुराता हूँ।

अर्थ: इस चरण में किसान के कठोर परिश्रम का वर्णन है जो धरती से अन्न उपजाता है, पर अपनी मेहनत का उचित फल न मिलने पर भी वह मुस्कुराता रहता है।

2. छोटे से खेत में, कहाँ ट्रैक्टर चले
छोटे से खेत में, कहाँ ट्रैक्टर चले,
हल बैल से ही मेरे, दिन रात डले।
कर्ज का बोझ सिर पे, बारिश का है डर,
पानी की तलाश में, आँखें मेरी जले।

अर्थ: यह चरण किसानों की छोटी जोत और पारंपरिक खेती की समस्याओं को दर्शाता है, जहाँ आधुनिक उपकरण नहीं पहुँच पाते और पानी की कमी से उनकी चिंता बढ़ती है।

3. मंडी में जाता हूँ, दाम नहीं मिलता
मंडी में जाता हूँ, दाम नहीं मिलता,
बिचौलिया मेरा, खून चूसता।
फसल का दाम कम, खर्चा है ज्यादा,
किसान का दिल, कैसे फिर बहले।

अर्थ: इस चरण में बाजार की समस्याओं का वर्णन है, जहाँ बिचौलिए किसान का शोषण करते हैं और उसे उसकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता।

4. बीमा का कागज, मुझको ना समझ आए
बीमा का कागज, मुझको ना समझ आए,
सरकारी योजना, मेरी पहुँच से दूर जाए।
बाढ़ आए या सूखा, फसल हो बर्बाद,
मदद की आस में, मैं बस देखता रहूँ।

अर्थ: यह चरण सरकारी योजनाओं और बीमा की जटिलताओं को बताता है, जो किसान की समझ से बाहर होती हैं, जिससे वह आपदाओं के समय मदद से वंचित रह जाता है।

5. दोगुनी आय का, सपना दिखाया
दोगुनी आय का, सपना दिखाया,
आशा की किरण, मेरे मन में जगाया।
अगर सच हो जाए, तो बदल जाए जहाँ,
मेरा गाँव बने, एक नया ही मकां।

अर्थ: इस चरण में किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य का उल्लेख है, जो उनके लिए एक सपने जैसा है और अगर यह सच हो जाए तो उनके जीवन में बड़ा बदलाव आ सकता है।

6. तकनीक मिले मुझको, पानी का हो प्रबंध
तकनीक मिले मुझको, पानी का हो प्रबंध,
बाजार में फसल बिके, बिना किसी शर्त।
गोदाम हो गाँव में, फसल न हो बर्बाद,
तो मेरे भाग्य की, बदलेगी ये शर्त।

अर्थ: यह चरण किसानों की आशाओं को दर्शाता है, जिसमें वह आधुनिक तकनीक, बेहतर सिंचाई, और उचित बाजार व्यवस्था की उम्मीद करता है।

7. मेरा सम्मान बढ़े, मेरा पेट भर जाए
मेरा सम्मान बढ़े, मेरा पेट भर जाए,
देश का पेट भरने, मैं सदा काम करूँ।
किसानों की उन्नति में, देश की उन्नति,
यह संकल्प हो, तो हर चेहरा खिल जाए।

अर्थ: अंतिम चरण में किसान के सम्मान और समृद्धि के साथ-साथ देश की उन्नति का विचार प्रस्तुत किया गया है, और यह कामना की गई है कि इस संकल्प से हर किसी के चेहरे पर खुशी आएगी।

कविता सारांश-इमोजी: 🌾💪💧💰📈🇮🇳😊

--अतुल परब
--दिनांक-20.08.2025-बुधवार.
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