📜 सौर शरद ऋतु का आगमन: भक्ति और प्रकृति का संगम 📜-☀️🍂🙏🪷🕉️

Started by Atul Kaviraje, August 22, 2025, 10:17:39 PM

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Atul Kaviraje

सौर शरद ऋतु प्रारम्भ-

📜 सौर शरद ऋतु का आगमन: भक्ति और प्रकृति का संगम 📜-

📜 सौर शरद ऋतु पर कविता 📜-

(७ कडव्यांची कविता)

१. पहला चरण:

वर्षा बीती, शरद आया,
सूरज ने नया रास्ता बनाया।
दिन छोटे, रातें लंबी हुई,
प्रकृति ने नई चादर बिछाई।

अर्थ: वर्षा ऋतु समाप्त हो गई है और शरद ऋतु आ गई है। सूरज ने अपनी दिशा बदल दी है, जिससे दिन छोटे और रातें लंबी हो रही हैं। प्रकृति ने एक नई और स्वच्छ चादर ओढ़ ली है।

२. दूसरा चरण:

नीला आसमान, स्वच्छ हवा,
मन में एक नया जोश भरा।
कमल खिले, मन मुस्काया,
ईश्वर का नाम याद आया।

अर्थ: आसमान नीला और हवा स्वच्छ है। इससे मन में एक नया उत्साह भर गया है। कमल खिल रहे हैं, मन प्रसन्न है और ईश्वर का स्मरण हो रहा है।

३. तीसरा चरण:

भक्ति का रंग अब गहराया,
हर कण में प्रभु को पाया।
मन की गंदगी सब धुल गई,
आत्मा की प्यास अब बुझ गई।

अर्थ: भक्ति का रंग और भी गहरा हो गया है। हर जगह भगवान का अनुभव हो रहा है। मन के सारे विकार दूर हो गए हैं और आत्मा को शांति मिली है।

४. चौथा चरण:

दशहरे की आहट सुनाई,
दिवाली की ज्योत जलाई।
त्योहारों का मौसम आया,
घर-घर में आनंद छाया।

अर्थ: दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों का आगमन हो रहा है, जिससे हर घर में खुशी का माहौल है।

५. पाँचवाँ चरण:

ध्यान लगा, मन को शांत किया,
प्रभु के चरणों में स्थान लिया।
हर सांस में उनका नाम,
यही है जीवन का सही काम।

अर्थ: यह समय ध्यान और मन की शांति के लिए है। हर सांस में भगवान का नाम लेना ही जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।

६. छठा चरण:

नया संकल्प, नई राह,
जीवन में हो नई चाह।
अंधकार को दूर करो,
ज्ञान की ज्योति जलाओ।

अर्थ: यह समय है जब हमें एक नया संकल्प लेना चाहिए और ज्ञान की ज्योति जलाकर जीवन के अंधकार को दूर करना चाहिए।

७. सातवाँ चरण:

शरद ऋतु है एक संदेश,
जीवन में रखो हमेशा आशा।
हर बदलाव को स्वीकारो,
और खुशियों से जीवन भर दो।

अर्थ: यह ऋतु हमें यह संदेश देती है कि हमें जीवन में हमेशा आशा रखनी चाहिए और हर बदलाव को खुशी से स्वीकार करना चाहिए।

इमोजी सारांश: ☀️🍂🙏🪷🕉�

--अतुल परब
--दिनांक-22.08.2025-शुक्रवार.
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