📜 पोला (वृषभ पूजन): किसान और बैल का अद्भुत रिश्ता 📜-👨‍🌾🐂🌾💖

Started by Atul Kaviraje, August 22, 2025, 10:19:19 PM

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Atul Kaviraje

पोळा-वृषभ पुजन-

📜 पोला (वृषभ पूजन): किसान और बैल का अद्भुत रिश्ता 📜-

📜 पोला पर कविता 📜-

(७ कडव्यांची कविता)

१. पहला चरण:

पोला का त्योहार आया,
किसान का मन हर्षाया।
बैलों को सजाने का दिन है,
उनका सम्मान करने का क्षण है।

अर्थ: पोला का त्योहार आ गया है, जिससे किसान बहुत खुश हैं। आज का दिन बैलों को सजाने और उनका सम्मान करने का है।

२. दूसरा चरण:

सींगों पर रंग है चढ़ाया,
गले में माला पहनाया।
फूलों से सजाया उन्हें,
जैसे घर के भगवान हैं।

अर्थ: बैलों के सींगों पर रंग लगाया गया है और उनके गले में फूलों की माला पहनाई गई है। उन्हें फूलों से इस तरह सजाया गया है जैसे वे घर के भगवान हों।

३. तीसरा चरण:

खेतों में उन्होंने मेहनत की,
फसल को जीवन दिया।
किसान के वे सच्चे साथी,
उनके बिना जीवन अधूरा।

अर्थ: बैलों ने खेतों में कड़ी मेहनत करके फसल को जीवन दिया है। वे किसान के सच्चे साथी हैं और उनके बिना किसान का जीवन अधूरा है।

४. चौथा चरण:

आज उन्हें आराम मिला,
काम से छुट्टी मिली।
पुरणपोली खिलाई,
मन से उनका आभार जताया।

अर्थ: आज बैलों को काम से छुट्टी और आराम मिला है। उन्हें पुरणपोली खिलाकर किसान ने मन से उनका आभार व्यक्त किया है।

५. पाँचवाँ चरण:

गाँव में शोभायात्रा निकली,
हर गली में खुशी दिखी।
बच्चों ने जयकार लगाया,
पोला का यह उत्सव है।

अर्थ: गाँव में बैलों की शोभायात्रा निकाली गई है, जिससे हर जगह खुशी का माहौल है। बच्चों ने जयकार लगाई है।

६. छठा चरण:

प्रेम, कृतज्ञता, भक्ति का,
यह त्योहार है एक प्रतीक।
हर प्राणी का सम्मान करो,
यही है जीवन का संदेश।

अर्थ: यह त्योहार प्रेम, कृतज्ञता और भक्ति का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि हमें हर प्राणी का सम्मान करना चाहिए।

७. सातवाँ चरण:

पोला हर साल आए,
यह रिश्ता और गहराए।
किसान और बैल का बंधन,
हमेशा अमर रहे।

अर्थ: यह पोला त्योहार हर साल आता रहे और किसान और बैलों का यह रिश्ता हमेशा गहरा और अमर रहे।

इमोजी सारांश: 👨�🌾🐂🌾💖

--अतुल परब
--दिनांक-22.08.2025-शुक्रवार.
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