📜 जरा-जीवंतिका पूजन: मातृत्व और शिशु संरक्षण का पर्व 📜-👩‍👧‍👦🙏💖👼

Started by Atul Kaviraje, August 22, 2025, 10:20:00 PM

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Atul Kaviraje

जरा-जीवंतिका पूजन -

📜 जरा-जीवंतिका पूजन: मातृत्व और शिशु संरक्षण का पर्व 📜-

📜 जरा-जीवंतिका पर कविता 📜-

(७ कडव्यांची कविता)

१. पहला चरण:

आया जरा-जीवंतिका का दिन,
माताएँ हुई आज लीन।
बच्चों की सुरक्षा के लिए,
देवी माँ को पुकारा।

अर्थ: जरा-जीवंतिका पूजन का दिन आ गया है, जिसमें माताएँ पूरी तरह से देवी की भक्ति में लीन हैं। वे अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए देवी माँ को याद कर रही हैं।

२. दूसरा चरण:

उपवास का संकल्प किया,
देवी का आशीर्वाद मांगा।
हर कष्ट को दूर करो,
यही वरदान मांगा।

अर्थ: माताओं ने उपवास का संकल्प लिया है और देवी से उनका आशीर्वाद मांगा है। वे देवी से अपने बच्चों के जीवन से हर कष्ट को दूर करने का वरदान मांग रही हैं।

३. तीसरा चरण:

बच्चे खेलें, हंसें, मुस्कुराएं,
जीवन भर खुशियाँ पाएं।
लंबी उम्र मिले उन्हें,
यही प्रार्थना है देवी से।

अर्थ: इस प्रार्थना का अर्थ है कि बच्चे जीवन भर हँसते, खेलते और खुश रहें, और उन्हें लंबी आयु मिले।

४. चौथा चरण:

प्रेम का धागा है यह,
विश्वास का बंधन है।
देवी और भक्त का,
यह अनोखा रिश्ता है।

अर्थ: यह पूजा देवी और भक्त के बीच प्रेम और विश्वास के एक अनोखे रिश्ते का प्रतीक है।

५. पाँचवाँ चरण:

अंधेरी रात में भी,
ज्योति जलेगी दिल में।
बच्चों की रक्षा हो,
यही कामना है मन में।

अर्थ: यह प्रार्थना बताती है कि माता का प्रेम और विश्वास इतना मजबूत है कि वह हर मुश्किल में भी अपने बच्चों के लिए आशा की किरण जगाए रखती है।

६. छठा चरण:

हर साल यह पर्व आए,
माता का प्रेम गहराए।
बच्चों का जीवन सुरक्षित हो,
देवी का आशीर्वाद मिले।

अर्थ: यह प्रार्थना है कि यह पर्व हर साल आता रहे और माता का प्रेम गहराता जाए, जिससे बच्चों का जीवन हमेशा सुरक्षित रहे।

७. सातवाँ चरण:

जरा-जीवंतिका की महिमा,
हर घर में गूंजे।
सुख-शांति और समृद्धि,
हर परिवार में रहे।

अर्थ: इस कविता का अंतिम अर्थ यह है कि जरा-जीवंतिका देवी की महिमा हर घर में फैले, और हर परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।

इमोजी सारांश: 👩�👧�👦🙏💖👼

--अतुल परब
--दिनांक-22.08.2025-शुक्रवार.
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