📜 जरा-जीवंतिका पूजन: मातृत्व और शिशु संरक्षण का पर्व 📜-👩‍👧‍👦🙏💖👶✨

Started by Atul Kaviraje, August 23, 2025, 11:10:38 AM

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Atul Kaviraje

जरा-जीवंतिका पूजन -

📜 जरा-जीवंतिका पूजन: मातृत्व और शिशु संरक्षण का पर्व 📜-

२२ अगस्त, शुक्रवार का दिन, भारतीय संस्कृति में एक विशेष आध्यात्मिक और भक्तिपूर्ण पर्व के रूप में मनाया जाता है - जरा-जीवंतिका पूजन। यह त्योहार विशेष रूप से माताओं द्वारा अपने बच्चों के कल्याण, लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। जरा-जीवंतिका को देवी शक्ति का एक रूप माना जाता है, जो बच्चों को बुरी शक्तियों से बचाती हैं। यह पर्व मातृत्व की महिमा, प्रेम और त्याग का एक सुंदर उदाहरण है।

1. जरा-जीवंतिका पूजन का अर्थ और महत्व
अर्थ: 'जरा' का अर्थ है 'वृद्धावस्था' या 'बुढ़ापा' और 'जीवंतिका' का अर्थ है 'जीवन देने वाली' या 'जीवन की रक्षा करने वाली'। इस पूजन का उद्देश्य बच्चों को बुढ़ापे तक स्वस्थ और सुरक्षित रखना है।

महत्व: यह पर्व माताओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो अपने बच्चों के लिए उपवास रखती हैं और देवी से उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करती हैं। यह बच्चों के प्रति माताओं के गहरे प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। 💖

2. भक्ति भाव और शिशु संरक्षण
मातृत्व की भक्ति: इस दिन माताएं जरा-जीवंतिका की भक्तिपूर्ण पूजा करती हैं। वे देवी को अपने बच्चों के लिए सुरक्षा कवच मानती हैं। यह भक्ति हमें सिखाती है कि माता का प्रेम ही सबसे बड़ी शक्ति है।

जीवन का चक्र: यह पर्व जीवन के चक्र का सम्मान करता है - जन्म, पालन-पोषण और संरक्षण। यह हमें सिखाता है कि हर जीवन अनमोल है और हमें उसकी रक्षा करनी चाहिए। 👶

3. पूजा विधि और अनुष्ठान
पूजा: महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं। वे जरा-जीवंतिका देवी की मूर्ति या चित्र स्थापित करती हैं और चावल, हल्दी, कुमकुम और फूलों से उनकी पूजा करती हैं।

उपवास: माताएं दिन भर व्रत रखती हैं और शाम को पूजा के बाद ही भोजन करती हैं।

कथा: इस दिन जरा-जीवंतिका की कहानी सुनाई जाती है, जिसमें देवी द्वारा बच्चों की रक्षा करने की कथाएं शामिल हैं।

4. भारतीय संस्कृति में स्थान
परंपरा: यह पर्व सदियों से चला आ रहा है और भारतीय संस्कृति में मातृत्व के सम्मान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

सामुदायिक महत्व: अक्सर यह पूजा सामूहिक रूप से की जाती है, जिससे सामाजिक एकता और सद्भाव को बढ़ावा मिलता है। 🤝

5. जीवन में जरा-जीवंतिका का महत्व
शारीरिक और मानसिक सुरक्षा: इस पूजा का उद्देश्य केवल शारीरिक सुरक्षा नहीं, बल्कि बच्चों को मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी स्वस्थ रखना है।

6. कविता के माध्यम से संदेश
काव्य और प्रेम: कवियों ने इस पर्व की महिमा को अपनी कविताओं में दर्शाया है, जो मातृत्व के प्रेम और देवी के आशीर्वाद को दिखाती हैं।

7. स्वास्थ्य और उपवास
शारीरिक लाभ: उपवास रखने से शरीर और मन का शुद्धिकरण होता है, जो आध्यात्मिक साधना के लिए लाभकारी है।

8. आधुनिक युग में प्रासंगिकता
प्रासंगिकता: आज के आधुनिक युग में भी इस पर्व की प्रासंगिकता बनी हुई है। यह हमें अपने बच्चों के प्रति जिम्मेदारी और समर्पण का महत्व सिखाता है।

9. सारांश और निष्कर्ष
संक्षेप में: जरा-जीवंतिका पूजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह मातृत्व के सम्मान, शिशु संरक्षण और ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास का प्रतीक है।

10. प्रेरणा
प्रेरणा: यह त्योहार हमें यह संदेश देता है कि प्रेम और भक्ति से हम अपने जीवन में और अपने प्रियजनों के जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं।

इमोजी सारांश: 👩�👧�👦🙏💖👶✨

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-22.08.2025-शुक्रवार.
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