मौन व्रतारंभ- मौन व्रत पर एक सुंदर कविता-💖🤫🧘‍♀️🕊️✨

Started by Atul Kaviraje, August 25, 2025, 10:35:17 AM

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Atul Kaviraje

मौन व्रतारंभ-

मौन व्रत पर एक सुंदर कविता-

चरण 1
मौन व्रत का आरंभ, मन में एक विश्वास।
बाहर का सब शोर, अब हो जाए समाप्त।
भीतर की गहराई में, प्रभु का होता वास।
चुप रहकर भी उनसे, होता है संवाद।

अर्थ: मौन व्रत की शुरुआत मन में एक गहरे विश्वास के साथ होती है। बाहरी दुनिया का शोर शांत हो जाता है और हम अपने भीतर बैठे ईश्वर से संवाद स्थापित कर पाते हैं।

चरण 2
शब्दों की यह सीमा, अब नहीं रोक पाएगी।
आत्मा की यह वाणी, अब तो बोल जाएगी।
अदृश्य धागों से, ईश्वर से जुड़ जाएगी।
भक्ति की यह धारा, अब तो बह जाएगी।

अर्थ: अब हमें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्दों की आवश्यकता नहीं है। हमारी आत्मा ही ईश्वर से जुड़कर अपनी बात कह पाएगी।

चरण 3
बोले बिना भी देखो, कितनी बातें हो जातीं।
आँखें ही सब कुछ कह दें, मन की बातें सुनातीं।
इशारे भी अब देखो, प्रेम की भाषा बन जाते।
अध्यात्म की इस राह पर, मन को शांति देते।

अर्थ: मौन में भी हम आँखों और इशारों से अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं। यह मौन हमें शांति और सुकून देता है।

चरण 4
चिंता और तनाव, सब दूर चले जाते हैं।
शांति और सुकून, अब दिल में समाते हैं।
ध्यान की गहराई में, हम खो से जाते हैं।
अपने ही भीतर हम, ईश्वर को पाते हैं।

अर्थ: मौन हमें चिंता और तनाव से मुक्त करता है। हम ध्यान के माध्यम से अपने भीतर ही शांति और ईश्वर को पा लेते हैं।

चरण 5
वाणी पर जब नियंत्रण, तब मन भी शांत होता।
व्यर्थ की बातों में, न अब समय खोता।
हर पल अब तो देखो, प्रभु का ही नाम जपता।
मौन में ही प्रभु का, सच्चा रूप दिखता।

अर्थ: जब हम अपनी वाणी को नियंत्रित करते हैं, तो हमारा मन भी शांत हो जाता है। हम व्यर्थ की बातों में समय न गंवाकर ईश्वर का नाम लेते हैं और उन्हें सही रूप में देख पाते हैं।

चरण 6
मौन में ही शक्ति, मौन में ही भक्ति।
मौन ही तो देता, सच्ची आत्म-शक्ति।
मौन में ही मिलती, जीवन की युक्ति।
मौन ही तो है प्रभु की, सच्ची अभिव्यक्ति।

अर्थ: मौन में ही सच्ची शक्ति, भक्ति और आत्म-ज्ञान निहित है। यही हमें जीवन जीने की सही राह दिखाता है और यह ईश्वर की सच्ची अभिव्यक्ति है।

चरण 7
जब मौन का व्रत टूटे, मन में नई ऊर्जा।
बाहर आने से पहले, एक नई ही पूजा।
शब्दों में अब देखो, एक नई सी भावना।
मौन ने दी है हमें, एक नई सी चेतना।

अर्थ: मौन व्रत समाप्त होने पर हम एक नई ऊर्जा और भावना के साथ बाहर आते हैं। हमारे शब्द अधिक अर्थपूर्ण और शुद्ध हो जाते हैं।

संक्षेप: 💖🤫🧘�♀️🕊�✨

--अतुल परब
--दिनांक-24.08.2025-रविवार.
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