भाद्रपद मासारंभ: भक्ति और पवित्रता का महीना- २४ अगस्त २०२५-🙏🕉️✨🌿🔔💖🎁🪔🕊️

Started by Atul Kaviraje, August 25, 2025, 10:50:20 AM

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Atul Kaviraje

भाद्रपद मासारंभ-

भाद्रपद मासारंभ: भक्ति और पवित्रता का महीना-

आज, २४ अगस्त २०२५, रविवार को, हम भाद्रपद महीने की पवित्रता और भक्ति का अनुभव कर रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीना चातुर्मास का एक महत्वपूर्ण महीना माना जाता है, जो कई प्रमुख त्योहारों और व्रतों को साथ लेकर आता है। इस महीने में की गई उपासना और धार्मिक कार्यों को विशेष महत्व दिया जाता है।

इस लेख में, हम भाद्रपद महीने के महत्व, इसके आध्यात्मिक पहलुओं और इससे संबंधित प्रमुख त्योहारों और परंपराओं के बारे में विस्तार से जानेंगे।

१० प्रमुख बिंदु

१. भाद्रपद मास का धार्मिक महत्व
भाद्रपद मास, जिसे भादों भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह भगवान कृष्ण और गणेशजी की उपासना का महीना है। इस महीने में किए गए दान, स्नान और पूजा-पाठ से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

२. चातुर्मास का हिस्सा
भाद्रपद चातुर्मास का दूसरा महीना है। इस दौरान भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं, इसलिए पृथ्वी पर सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। हालांकि, धार्मिक अनुष्ठान और व्रत-उपवास जारी रहते हैं।

३. प्रमुख व्रत और त्योहार

गणेश चतुर्थी: भाद्रपद मास का सबसे बड़ा त्योहार गणेश चतुर्थी है, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गणेशजी की प्रतिमा स्थापित की जाती है और १० दिनों तक उनकी पूजा की जाती है।

हरतालिका तीज: यह व्रत विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए और अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिए रखती हैं।

ऋषि पंचमी: यह व्रत सप्तऋषियों को समर्पित है, जो महिलाओं द्वारा मासिक धर्म से संबंधित दोषों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।

राधा अष्टमी: इस दिन राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

परिवर्तिनी एकादशी: यह एकादशी भगवान विष्णु के करवट बदलने का प्रतीक है।

अनंत चतुर्दशी: यह दिन गणेश विसर्जन का होता है, जब गणेशजी की प्रतिमा को श्रद्धापूर्वक विसर्जित किया जाता है।

पितृ पक्ष (श्राद्ध): भाद्रपद मास की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है, जिसमें पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है।

४. कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष संयोग
यद्यपि जन्माष्टमी श्रावण मास के अंत में आती है, लेकिन इसका संबंध भाद्रपद से भी है क्योंकि यह भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनाई जाती है। यह महीना भगवान कृष्ण को समर्पित है।

५. आध्यात्मिक लाभ
भाद्रपद मास में "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करने से आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है। इस महीने में भगवान कृष्ण की लीलाओं का श्रवण और मनन करने से मन शांत होता है।

६. स्वास्थ्य और मौसम का महत्व
इस महीने में मौसम में बदलाव होता है, जिससे शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन बिगड़ सकता है। इसलिए, व्रत-उपवास करके शरीर को शुद्ध रखने की सलाह दी जाती है।

७. दान-पुण्य का महत्व
इस महीने में गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। अन्न दान, वस्त्र दान और धन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

८. तुलसी पूजा
भाद्रपद में तुलसी के पौधे की पूजा करना भी बहुत लाभकारी माना जाता है। तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है और उसकी पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है।

९. गौ-सेवा का महत्व
इस महीने में गाय की सेवा करना और उसे चारा खिलाना भी पुण्य का कार्य माना जाता है, क्योंकि गाय को माता लक्ष्मी और कामधेनु का रूप माना जाता है।

१०. भाद्रपद मास का संदेश
भाद्रपद मास हमें भक्ति, संयम, दान और पवित्रता का संदेश देता है। यह हमें जीवन में सादगी और धार्मिकता अपनाने की प्रेरणा देता है।

इमोजी सारांश: 🙏🕉�✨🌿🔔💖🎁🪔🕊�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-24.08.2025-रविवार.
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