संत चांगदेव राऊळ जयंती: भक्ति, ज्ञान और आस्था का प्रकाश-पर्व 🙏-भक्ति की धारा-

Started by Atul Kaviraje, August 26, 2025, 11:31:31 AM

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Atul Kaviraje

चांगदेव राऊळ जयंती-पैठण-

संत चांगदेव राऊळ जयंती: भक्ति, ज्ञान और आस्था का प्रकाश-पर्व 🙏-

चांगदेव राऊळ: भक्ति की धारा (कविता) 📜-
1.
पैठण की पावन धरती, गोदावरी का तट,
संत चांगदेव का जन्म, भक्तों का है मुकुट।
अंधेरे में ज्ञान की, तुमने जलाई एक ज्योति,
तुम्हारी भक्ति की गाथा, हर दिल में बसती।

2.
सांसारिक सुखों से, तुमने मुंह मोड़ा,
ईश्वर के नाम से, अपना रिश्ता जोड़ा।
तुम्हारी साधना की गहराई, सबने पहचानी,
दुनिया की हर चीज से, तुमने खुद को बचाया।

3.
महानुभाव पंथ के, तुम थे एक सितारे,
तुम्हारी राह पर, चलने को तैयार थे हजारों।
गुरु की शिक्षा को, तुमने जीवन में उतारा,
तुम्हारा भक्ति भाव, हर जीव को प्यारा।

4.
पैठण के कण-कण में, तुम्हारा वास है,
गोदावरी के पानी में, तुम्हारा एहसास है।
हर आने वाले भक्त में, तुम्हारी झलक दिखे,
तुम्हारा जीवन ही, हर मन में सुख-शांति लिखे।

5.
ना कोई आडंबर, ना कोई दिखावा,
तुमने तो बस भक्ति का, सच्चा रंग दिखाया।
जो भी आया तुम्हारे द्वार, खाली हाथ न गया,
तुम्हारा आशीर्वाद, हर किसी को मिला।

6.
आज जयंती का दिन, खुशियों से भरा है,
भक्तों का मन आज, भक्ति में डूबा है।
बजते हैं ढोल, गूंजते हैं भजन,
तुम्हारे नाम से, होता है हर पल रोशन।

7.
हे संत राऊळ, हमको भी शक्ति दो,
अपने जैसी भक्ति की, हमको भी भक्ति दो।
हम भी चलें तुम्हारे, दिखाए हुए रास्ते पर,
और बनें एक सच्चे, और अच्छे इंसान।

प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ
1.
अर्थ: यह चरण पैठण की पवित्र भूमि और गोदावरी नदी के किनारे संत चांगदेव के जन्म का वर्णन करता है, जो भक्तों के लिए एक मुकुट के समान है। उनकी भक्ति ने अज्ञान के अंधेरे में ज्ञान की ज्योति जलाई, और उनकी भक्ति की कहानी हर भक्त के दिल में बसी हुई है।

2.
अर्थ: इस चरण में संत के त्याग का वर्णन है। उन्होंने सांसारिक सुखों का त्याग कर खुद को पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित कर दिया था। उनकी साधना बहुत गहरी थी, और उन्होंने दुनिया के प्रलोभनों से खुद को दूर रखा।

3.
अर्थ: यह चरण महानुभाव पंथ में उनके स्थान को दर्शाता है। वह इस पंथ के एक मार्गदर्शक सितारे थे, जिनके दिखाए रास्ते पर चलने के लिए हजारों लोग तैयार थे। उन्होंने गुरु की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारा और उनका भक्ति भाव सभी जीवों को प्रिय था।

4.
अर्थ: यह बताता है कि संत चांगदेव की आध्यात्मिक उपस्थिति पैठण के हर कण और गोदावरी नदी के पानी में महसूस की जाती है। हर भक्त में उनकी झलक दिखाई देती है, और उनका जीवन सभी के मन में सुख और शांति लाता है।

5.
अर्थ: यह चरण उनकी सादगी और विनम्रता को दर्शाता है। उन्होंने दिखावे और आडंबर से दूर रहकर सच्ची भक्ति का मार्ग दिखाया। उनके द्वार पर जो भी आया, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटा, और उनका आशीर्वाद सभी को मिला।

6.
अर्थ: यह जयंती समारोह का वर्णन करता है। आज का दिन खुशियों से भरा है, क्योंकि भक्तों का मन भक्ति में डूबा हुआ है। ढोल और भजन की गूँज में, उनका नाम हर पल को रोशन करता है।

7.
अर्थ: अंतिम चरण एक प्रार्थना है। भक्त संत राऊळ से अपने जैसी भक्ति की शक्ति मांगते हैं। वे उनके दिखाए रास्ते पर चलकर एक सच्चे और अच्छे इंसान बनने का संकल्प लेते हैं।

इमोजी सारांश:
🎶 भजन और कीर्तन
💧 गोदावरी नदी
🕊� शांति और त्याग
✨ दिव्य उपस्थिति
❤️ प्रेम और करुणा
🙏 प्रार्थना और समर्पण

--अतुल परब
--दिनांक-25.08.2025-सोमवार.
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