चक्रधर स्वामी जयंती: महानुभाव पंथ के संस्थापक का प्रकाश पर्व 🙏-ज्ञान का प्रकाश-

Started by Atul Kaviraje, August 26, 2025, 11:33:10 AM

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Atul Kaviraje

चक्रधर स्वामी जयंती (महानुभIव) शरण-

चक्रधर स्वामी जयंती: महानुभाव पंथ के संस्थापक का प्रकाश पर्व 🙏-

चक्रधर स्वामी: ज्ञान का प्रकाश (कविता) 📜-

1.
पुण्य भूमि महाराष्ट्र, आज हुआ है रोशन,
जन्मे थे चक्रधर स्वामी, लेकर ज्ञान का दर्पण।
आए थे वो धरा पर, मिटाने को हर पाप,
भक्ति की ज्योत जगाई, दूर किया हर संताप।

2.
जाति-भेद की दीवारें, तुमने गिराई सारी,
सबको एक समान माना, यही सीख थी न्यारी।
तुमने कहा, इंसानियत, है सबसे बड़ा धर्म,
भक्ति ही है सच्ची, हर किसी का सच्चा कर्म।

3.
महानुभाव पंथ का, तुमने था बीज बोया,
करुणा और दया का, हर दिल में रंग घोला।
गुरु की महिमा गाई, भगवान का नाम लिया,
भटके हुए जीवन को, तुमने ही मार्ग दिया।

4.
तुम्हारी लीलाओं से, हर जगह थी भक्ति,
ज्ञान की शक्ति से, तुमने जगाई शक्ति।
गरीबों को दिया सहारा, प्यासे को पानी,
तुम्हारे उपदेशों में, थी सच्चाई की कहानी।

5.
लीलाचरित्र ग्रंथ में, तुम्हारा जीवन है लिखा,
तुम्हारे हर कर्म में, एक ज्ञान की सीख है।
अभिमान को तोड़कर, तुमने झुकना सिखाया,
तुम्हारे चरणों में आकर, हर कोई पाया सहारा।

6.
जयंती का दिन है, आज उत्सव है भारी,
गाते हैं भक्त भजन, करते हैं जय-जयकार सारी।
हर कोने से आए, तुम्हारे ही अनुयायी,
श्रद्धा के फूल चढ़ाकर, करते हैं गुणगान।

7.
हे चक्रधर स्वामी, हमको भी दो ये वरदान,
तुम्हारे जैसा बने, हमारा हर एक इंसान।
अहंकार को छोड़कर, हम भी भक्ति में जिएं,
तुम्हारे उपदेशों पर, हम जीवन सारा जिएं।

प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ
1.
अर्थ: यह चरण चक्रधर स्वामी के जन्म का वर्णन करता है, जिन्होंने महाराष्ट्र की भूमि को ज्ञान के प्रकाश से रोशन किया। वे धरती पर हर पाप को मिटाने और हर दिल में भक्ति और शांति की ज्योत जगाने आए थे।

2.
अर्थ: इस चरण में उनके सामाजिक सुधारों का उल्लेख है। उन्होंने जाति-भेद की दीवारों को गिरा दिया और सिखाया कि सभी मनुष्य समान हैं। उन्होंने कहा कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है और सच्ची भक्ति ही सबसे महत्वपूर्ण कर्म है।

3.
अर्थ: यह बताता है कि उन्होंने महानुभाव पंथ की नींव रखी और हर दिल में करुणा और दया की भावना भरी। उन्होंने अपने गुरु की महिमा गाई और भगवान का नाम लिया, और इस तरह उन्होंने भटके हुए लोगों को सही मार्ग दिखाया।

4. अर्थ: यह उनकी दिव्य लीलाओं और उपदेशों को दर्शाता है। उनकी उपस्थिति से हर जगह भक्ति का माहौल बनता था और ज्ञान की शक्ति से लोगों में एक नई ऊर्जा आती थी। उन्होंने गरीबों को सहारा दिया और उनके उपदेशों में सच्चाई की कहानी थी।

5. अर्थ: यह उनके प्रमुख ग्रंथ 'लीलाचरित्र' का उल्लेख करता है, जिसमें उनका जीवन लिखा गया है। उनके हर कर्म में एक ज्ञान की सीख छिपी हुई थी। उन्होंने अहंकार को तोड़कर विनम्र बनना सिखाया और जो कोई भी उनके पास आया, उसे सहारा मिला।

6. अर्थ: यह जयंती समारोह का वर्णन करता है। आज का दिन उत्सव से भरा है, जहाँ भक्त भजन गाते हैं और उनकी जय-जयकार करते हैं। हर जगह से उनके अनुयायी आते हैं और श्रद्धा के फूल चढ़ाकर उनका गुणगान करते हैं।

7. अर्थ: अंतिम चरण एक प्रार्थना है। भक्त चक्रधर स्वामी से वरदान मांगते हैं कि वे भी उनकी तरह अहंकार को छोड़कर भक्ति में जी सकें और उनके उपदेशों पर अपना पूरा जीवन बिता सकें।

इमोजी सारांश:
🎶 भजन और कीर्तन
🕊� शांति और त्याग
✨ दिव्य उपस्थिति
❤️ प्रेम और करुणा
🙏 प्रार्थना और समर्पण
 
--अतुल परब
--दिनांक-25.08.2025-सोमवार.
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