शिवलिंगेश्वर अडडपल्लकी: भक्ति और श्रद्धा का अलौकिक पर्व 🙏-श्रद्धा की पालकी-

Started by Atul Kaviraje, August 26, 2025, 11:34:41 AM

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Atul Kaviraje

शिवलिंगेश्वर अडडपल्लकी माधन हिप्परगा, तालुका-आळंद, जिल्हा-गुलबर्ग-

शिवलिंगेश्वर अडडपल्लकी: भक्ति और श्रद्धा का अलौकिक पर्व 🙏-

शिवलिंगेश्वर: श्रद्धा की पालकी (कविता) 📜-

1.
माधन हिप्परगा में, आज सजा है दरबार,
शिवलिंगेश्वर स्वामी का, उत्सव है अपार।
भक्ति की लहरें उठीं, हर मन हुआ बेचैन,
अडडपल्लकी के दर्शन को, तरसे हर नयन।

2.
पालकी में जब स्वामी, लेते हैं आसन,
रूह में उतर जाती है, एक नई धड़कन।
भक्तों के कंधों पर, है प्रभु का भार,
यह नहीं है बोझ, यह है उनका प्यार।

3.
गली-गली में गूंजे, स्वामी के जयकारे,
फूलों की वर्षा हुई, चमकें सब नजारे।
हर कदम पर है श्रद्धा, हर साँस में है नाम,
भक्ति का यह अद्भुत, अनुपम है धाम।

4.
लिंगायत परंपरा की, यह है सच्ची शान,
जहाँ भक्ति में लीन हैं, हर जाति के इंसान।
ना कोई बड़ा, ना कोई छोटा, सब एक समान,
यही तो है स्वामी का, सबसे बड़ा वरदान।

5.
आपने सिखाया हमको, सादगी का पाठ,
मन में हो सच्चाई, दिल में हो प्रेम-पाठ।
त्याग और तपस्या का, दिया है उपदेश,
तभी तो फैला है, यह तुम्हारा संदेश।

6.
नगरी में आज, एक दिव्य प्रकाश है,
हर घर के आँगन में, खुशियों का वास है।
सब हैं नाच रहे, सब हैं गा रहे,
स्वामी की महिमा का, गुणगान कर रहे।

7.
हे शिवलिंगेश्वर, हमको आशीर्वाद दो,
अपने जैसी भक्ति की, हममें भी शक्ति दो।
तुम्हारे दिखाए रास्ते पर, हम चलते रहें,
जीवन भर बस तुम्हारा ही, नाम जपते रहें।

प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ
1.
अर्थ: यह चरण माधन हिप्परगा में आयोजित होने वाले उत्सव का वर्णन करता है। संत शिवलिंगेश्वर अडडपल्लकी के दर्शन के लिए भक्तों की भक्ति में लीनता और उनकी बेचैनी को दर्शाता है।

2.
अर्थ: इसमें पालकी यात्रा (अडडपल्लकी) का आध्यात्मिक महत्व बताया गया है। जब संत पालकी में बैठते हैं, तो भक्तों की आत्मा में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। भक्तों के कंधों पर पालकी का भार कोई बोझ नहीं, बल्कि प्रभु के प्रति उनका प्रेम है।

3.
अर्थ: यह यात्रा के माहौल का वर्णन करता है। गलियों में स्वामी के जयकारे गूंजते हैं, भक्त फूलों की वर्षा करते हैं। हर कदम और हर साँस में केवल भक्ति और श्रद्धा का भाव है।

4.
अर्थ: यह लिंगायत परंपरा के प्रमुख सिद्धांत, समानता पर जोर देता है। इस उत्सव में सभी जाति और धर्म के लोग भक्ति में लीन होते हैं, यह दर्शाता है कि स्वामी ने कोई भेदभाव नहीं किया।

5.
अर्थ: इस चरण में संत की शिक्षाओं का उल्लेख है। उन्होंने सादगी, मन की सच्चाई, प्रेम, त्याग और तपस्या का पाठ पढ़ाया।

6.
अर्थ: यह जयंती के दिन पूरे गांव के उत्साह को दर्शाता है। एक दिव्य प्रकाश पूरे गांव में फैला है, हर घर में खुशियाँ हैं। भक्त नाच-गाकर स्वामी की महिमा का गुणगान कर रहे हैं।

7.
अर्थ: अंतिम चरण एक प्रार्थना है। भक्त संत शिवलिंगेश्वर से उनके जैसी भक्ति की शक्ति मांगते हैं और जीवन भर उनके दिखाए मार्ग पर चलने और उनका नाम जपने का संकल्प लेते हैं।

इमोजी सारांश:
🎶 भजन और कीर्तन
💧 जल से उद्धार
✨ दिव्य शक्ति
❤️ प्रेम और करुणा
🙏 प्रार्थना और समर्पण

--अतुल परब
--दिनांक-25.08.2025-सोमवार.
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