क्षण एक आसुसलेला, शांत, गहिवरला,

Started by mrralekar, October 08, 2011, 09:56:46 PM

Previous topic - Next topic

mrralekar

    क्षण एक आसुसलेला, शांत, गहिवरला,
    क्षण एक उगाच थांबलेला, अडखळलेला,
    क्षण एक पुरेसा स्वप्न पंखलाउनी उडायला,
    क्षण एक पुरेसा धरेस कोसळायला,

    क्षणाक्षणात क्षण निघाले,
    जीव लावायला, जीव गुतायला,
    रंग रांगोटयांनी आकाश रंगवायला,
    क्षण एक बलत्तर, वादळ उडवायला,
    सजवले घरटे मोडायला.

    क्षण एक कोलमडलेला, तुटलेल.
    क्षण एक उरी दाटलेला, लोचनी साठलेला,
    क्षण एक ओठान पलीकडे दडलेला,
    स्थिर,स्तब्ध, पण आत काहूर माजलेला.

    क्षण विचारी, क्षणच सोडवी,
    क्षण क्षणात रडवी, क्षणच क्षणात हसावी,
    क्षण घायाळ करी, क्षणच औषधी,
    क्षण एक प्रश्न, आणी तेच त्याचे उत्तर.



    क्षण प्रेमाचे साठुनी, झाले आठवणी,
    क्षण विरहाचे, गेले रात्र जागवुनी,

    क्षण माझे, क्षण तुझे,

    क्षण भेटीचे, लाजरे, लपलेली, बिथरलेले,
    एकत्री घालावलेले, रमलेले, ज्वलंत पेटलेले.

    चित्र कधी रंगवलेले, क्षणात अश्रू तून वाहले.
    तरीही, शेवटी क्षणच राहले, हसरे, गोजिरे.
    क्षण पुन्हा पुलवी जीवन, क्षणात पुन्हा बहरेल आंगण.
    क्षण एक बल्तर,
    बाकी सगळे निरुत्तर, बाकी सगळे निरुत्तर.


                                         तुमचा मित्र,
                                        मेहर राळेकर.

केदार मेहेंदळे