ऋषि पंचमी: त्याग और तपस्या का पावन पर्व-

Started by Atul Kaviraje, August 29, 2025, 06:19:33 PM

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Atul Kaviraje

ऋषी पंचमी-

ऋषि पंचमी: त्याग और तपस्या का पावन पर्व-

ऋषि पंचमी पर एक सुंदर कविता-

पहला चरण:
भाद्रपद शुक्ल पंचमी आई,
लेकर आई भक्ति की परछाई।
सप्त ऋषियों को नमन है हमारा,
ज्ञान का जिन्होंने दिया सहारा।

अर्थ: भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि आ गई है, जो अपने साथ भक्ति की गहरी भावना लाई है। हम उन सप्त ऋषियों को प्रणाम करते हैं, जिन्होंने हमें ज्ञान का मार्ग दिखाया।

दूसरा चरण:
त्याग और तपस्या का है ये दिन,
साधना से भरा हर एक क्षण।
नारी शक्ति का है ये सम्मान,
जो करती है व्रत से आत्म-ज्ञान।

अर्थ: यह दिन त्याग और तपस्या को समर्पित है, और इसका हर पल साधना से भरा हुआ है। यह पर्व नारी शक्ति का सम्मान करता है, जो इस व्रत के माध्यम से आत्म-ज्ञान प्राप्त करती है।

तीसरा चरण:
गंगाजल से स्नान कर तन को,
पवित्र करें अपने मन को।
व्रत के नियम हैं अति कठोर,
पर देते हैं मन को एक नया छोर।

अर्थ: गंगाजल से शरीर को स्नान कराकर मन को भी शुद्ध किया जाता है। इस व्रत के नियम भले ही कठोर हों, पर वे मन को एक नई दिशा देते हैं।

चौथा चरण:
फल और कंद हैं आज का भोजन,
नहीं खाते हैं हल से उगे अनाज का कण।
ये है प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक,
जो जीवन को बनाता है सात्विक।

अर्थ: इस व्रत में केवल फल और कंद खाए जाते हैं, और हल से उगे अनाज का एक भी दाना नहीं खाया जाता। यह नियम प्रकृति से हमारे जुड़ाव का प्रतीक है, जो हमारे जीवन को शुद्ध और सरल बनाता है।

पांचवां चरण:
सप्त ऋषियों की प्रतिमा सजाई,
हल्दी-कुमकुम, अक्षत से पूजा रचाई।
अंधकार से प्रकाश की ओर,
ले चले हैं वे जीवन की डोर।

अर्थ: सप्त ऋषियों की मूर्ति या तस्वीर सजाई जाती है और हल्दी-कुमकुम और चावल से उनकी पूजा की जाती है। वे हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले मार्गदर्शक हैं।

छठा चरण:
मन की शुद्धि और पवित्रता है सार,
दूर हो जाते हैं सारे पापों के भार।
मोक्ष का मार्ग दिखाता है ये व्रत,
हर लेता है जीवन के सारे संकट।

अर्थ: इस व्रत का सार मन की शुद्धि और पवित्रता है, जिससे सारे पापों का बोझ दूर हो जाता है। यह व्रत मोक्ष का मार्ग दिखाता है और जीवन के सभी दुखों को हर लेता है।

सातवाँ चरण:
ऋषि पंचमी का ये पावन पर्व,
देता है जीवन को एक नया गौरव।
आध्यात्मिक चेतना जगाए,
सुख, समृद्धि घर में ले आए।

अर्थ: ऋषि पंचमी का यह पवित्र पर्व जीवन को एक नई गरिमा प्रदान करता है। यह हमारी आध्यात्मिक चेतना को जागृत करता है और घर में सुख और समृद्धि लाता है।

--अतुल परब
--दिनांक-28.08.2025-गुरुवार.
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