श्री गणपती रथोत्सव- तासगाव- श्री गणपती रथोत्सव: तासगाँव का भव्य भक्ति पर्व 🙏-

Started by Atul Kaviraje, August 29, 2025, 06:22:49 PM

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Atul Kaviraje

श्री गणपती रथोत्सव- तासगाव-

श्री गणपती रथोत्सव: तासगाँव का भव्य भक्ति पर्व 🙏-

श्री गणपती रथोत्सव पर एक सुंदर कविता-

पहला चरण:
तासगाँव में उत्सव है आया,
श्री गणपती का रथ सजाया।
भक्तों का मन है हर्ष से भरा,
झूम रहा है हर एक चौराहा।

अर्थ: तासगाँव में उत्सव का माहौल है, क्योंकि श्री गणपती का रथ सजाया गया है। भक्तों का मन खुशी से भर गया है, और हर चौराहा खुशी से झूम रहा है।

दूसरा चरण:
गणपती बाप्पा मोरया' का शोर,
गूँज रहा है हर एक ओर।
फूलों की वर्षा है रथ पर,
खुशियाँ ही खुशियाँ हैं हर घर।

अर्थ: 'गणपती बाप्पा मोरया' का जयघोष हर तरफ गूँज रहा है। रथ पर फूलों की वर्षा हो रही है, और हर घर में खुशियाँ ही खुशियाँ हैं।

तीसरा चरण:
ढोल-ताशा की है धूम,
नाच रहे हैं हर कोई झूम।
बच्चे, बूढ़े और जवान,
सबका है एक ही अरमान।

अर्थ: ढोल-ताशे की जोरदार आवाज है, और हर कोई झूम-झूमकर नाच रहा है। बच्चे, बूढ़े और जवान, सबका एक ही सपना है।

चौथा चरण:
रस्सी खींचें हैं भक्तगण,
पवित्र हो गया सबका तन।
पुण्य का है ये पावन काम,
मन में बसता है बस एक ही नाम।

अर्थ: भक्तगण रस्सी खींच रहे हैं, जिससे उनका शरीर पवित्र हो गया है। यह पुण्य का एक पवित्र कार्य है, और मन में केवल एक ही नाम बसता है।

पांचवाँ चरण:
प्रसाद का है लगा है भंडार,
भक्तों का हो रहा है सत्कार।
सेवा ही है जीवन का सार,
सबको मिले खुशियों का हार।

अर्थ: प्रसाद का ढेर लगा हुआ है और भक्तों का सत्कार हो रहा है। सेवा ही जीवन का सार है, और सभी को खुशियों की माला मिले।

छठा चरण:
मंदिर की है ये महिमा,
गणपती की है ये गरिमा।
हर साल होता है ये आयोजन,
मन को देता है ये सुख।

अर्थ: यह मंदिर की महिमा है, और यह भगवान गणेश की गरिमा है। यह आयोजन हर साल होता है और मन को सुख देता है।

सातवाँ चरण:
गणपति फिर से आएंगे,
अगले साल फिर से मनाएंगे।
रथोत्सव का ये अवसर,
लाता है जीवन में नया सफर।

अर्थ: भगवान गणेश फिर से आएंगे, और हम अगले साल फिर से यह उत्सव मनाएंगे। रथोत्सव का यह अवसर जीवन में एक नई यात्रा लाता है।

--अतुल परब
--दिनांक-28.08.2025-गुरुवार.
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