भ्रष्टाचार निवारण: चुनौतियाँ और आगे का रास्ता 🚫⚖️-

Started by Atul Kaviraje, August 29, 2025, 06:25:56 PM

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Atul Kaviraje

भ्रष्टाचार निवारण: चुनौतियाँ और आगे का रास्ता-

भ्रष्टाचार निवारण: चुनौतियाँ और आगे का रास्ता 🚫⚖️-

भ्रष्टाचार पर एक सुंदर कविता-

पहला चरण:
भ्रष्टाचार का काला बादल,
ढँक रहा है देश का आँचल।
रिश्वत की है काली कमाई,
ईमानदारी कहीं खोई-खोई।

अर्थ: भ्रष्टाचार का काला बादल हमारे देश के आँचल को ढक रहा है। रिश्वत से काली कमाई हो रही है और ईमानदारी कहीं खो गई है।

दूसरा चरण:
जनता का विश्वास टूटता,
जब नेता और अधिकारी लूटता।
गरीब का हक मारा जाता,
न्याय कहीं दूर चला जाता।

अर्थ: जब नेता और अधिकारी देश को लूटते हैं, तो जनता का विश्वास टूट जाता है। गरीब का हक मारा जाता है और न्याय कहीं दूर चला जाता है।

तीसरा चरण:
फाइलों पर धूल जमी है,
काम में देरी की कमी नहीं है।
बिना पैसे के हिलता न पत्ता,
बन गया है ये एक काला धंधा।

अर्थ: सरकारी फाइलों पर धूल जम गई है और काम में देरी की कोई कमी नहीं है। बिना पैसे के एक पत्ता भी नहीं हिलता, और यह एक काला धंधा बन गया है।

चौथा चरण:
RTI का दिया है सहारा,
जागरूकता का है ये नारा।
तकनीक को हम हथियार बनाएँ,
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाएँ।

अर्थ: हमें RTI का सहारा मिला है, जो जागरूकता का एक नारा है। हमें तकनीक को अपना हथियार बनाना चाहिए और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना चाहिए।

पांचवाँ चरण:
कानून बने हैं बड़े-बड़े,
पर क्यों वो हैं आज खड़े-खड़े?
क्रियान्वयन की कमी है भारी,
इसलिए ये बीमारी है जारी।

अर्थ: बड़े-बड़े कानून बनाए गए हैं, लेकिन वे आज भी खड़े क्यों हैं? उनके प्रभावी क्रियान्वयन की कमी है, इसलिए यह बीमारी अभी भी जारी है।

छठा चरण:
आओ मिलकर शपथ लें हम,
ईमानदारी का हो ये कदम।
ना लेंगे, ना देंगे रिश्वत,
बनाएंगे एक नया भारत।

अर्थ: आइए, हम सब मिलकर शपथ लें कि ईमानदारी हमारा कदम होगा। न हम रिश्वत लेंगे, न देंगे, और एक नया भारत बनाएंगे।

सातवाँ चरण:
जब हर दिल में होगी ईमानदारी,
तब मिटेगी ये बीमारी।
सच्चाई का होगा राज,
सुंदर बनेगा हमारा समाज।

अर्थ: जब हर इंसान के दिल में ईमानदारी होगी, तब यह बीमारी खत्म हो जाएगी। सच्चाई का शासन होगा और हमारा समाज सुंदर बनेगा।

--अतुल परब
--दिनांक-28.08.2025-गुरुवार.
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