बलराम जयंती- हिंदी कविता - 'हलधर का जन्मदिन'-

Started by Atul Kaviraje, August 30, 2025, 02:03:04 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

बलराम जयंती-

हिंदी कविता - 'हलधर का जन्मदिन'-

1. पहला चरण
भाद्रपद की षष्ठी है आई,
बलराम जयंती की धूम है छाई।
दाऊ का जन्मदिवस है, मन हरसाई,
खुशियों की सौगात है ये लाई।

अर्थ: यह पद बलराम जयंती के आने और उसके कारण चारों ओर फैले उत्साह का वर्णन करता है। यह बताता है कि इस दिन सबके मन में खुशी होती है।

2. दूसरा चरण
शेषनाग का रूप धर, धरती पर आए,
हल और मूसल, संग हैं लाए।
कृषि की महिमा, जग को सिखाए,
हलधर बलशाली, सब जग गाए।

अर्थ: इस पद में बताया गया है कि बलराम जी शेषनाग के अवतार थे और उनका शस्त्र हल और मूसल था। वे कृषि के महत्व को दर्शाते हैं, और उनकी शक्ति का गुणगान पूरा संसार करता है।

3. तीसरा चरण
भाई-भाई का प्रेम, है निराला,
कृष्ण संग खेली, हर एक लीला।
गोकुल की गलियों में, बजाए ताला,
असुरों का नाश कर, दूर की ज्वाला।

अर्थ: यह पद कृष्ण और बलराम के अटूट भाईचारे और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है, जिसमें उन्होंने मिलकर राक्षसों का संहार किया।

4. चौथा चरण
माताएँ करती हैं, व्रत का विधान,
संतान के लिए, करती हैं ध्यान।
बिना हल का अनाज, करती हैं ग्रहण,
आयु और आरोग्य का, करती हैं दान।

अर्थ: इस पद में हल षष्ठी व्रत का वर्णन है, जिसे माताएँ अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं।

5. पांचवां चरण
वृंदावन की भूमि, है पवित्र,
दाऊ और कन्हैया, एक अद्भुत चित्र।
गैया चराते हैं, बन के मित्र,
प्रेम और भक्ति का, फैलाते इत्र।

अर्थ: यह पद वृंदावन की पवित्र भूमि पर बलराम और कृष्ण के मित्रता और उनकी लीलाओं का वर्णन करता है, जो प्रेम और भक्ति का संदेश फैलाती हैं।

6. छठा चरण
शांत स्वभाव, पर बल है अपार,
धर्म की रक्षा का, है ये अवतार।
हर मुश्किल में, बनते हैं आधार,
ऐसे हमारे दाऊ, हैं महान, संसार।

अर्थ: इस पद में बलराम जी के शांत स्वभाव और उनकी असीम शक्ति का वर्णन है, जो हमेशा धर्म की रक्षा के लिए तत्पर रहती है।

7. सातवां चरण
बलराम जयंती का, पावन है दिन,
हमें भी दे वो, शक्ति और प्रेम।
जीवन में फैले, सुख की किरण,
हर मन में हो, भक्ति का संगम।

अर्थ: यह पद बलराम जयंती के महत्व को बताता है और प्रार्थना करता है कि बलराम जी हमें भी शक्ति और प्रेम प्रदान करें, ताकि जीवन में सुख और भक्ति का वास हो।

--अतुल परब
--दिनांक-29.08.2025-शुक्रवार.
===========================================