हिंदी कविता: 'जीवाणुओं की दुनिया'-

Started by Atul Kaviraje, August 30, 2025, 08:52:52 PM

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Atul Kaviraje

हिंदी कविता: 'जीवाणुओं की दुनिया'-

(१)
छोटे-छोटे जीव हैं, आँख से न दिखें,
सूक्ष्मदर्शी से ही, इनका जग दिखे।
जीवाणु इनको कहते, हैं अद्भुत ये प्राणी,
धरती के हर कोने की, ये ही हैं कहानी।
अर्थ: जीवाणु बहुत छोटे होते हैं, जिन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता होती है। ये धरती के हर कोने में पाए जाते हैं।

(२)
कुछ होते हैं प्यारे, करते हैं जो भलाई,
दूध से दही बनायें, करते हैं सफाई।
पौधों को देते पोषण, मिट्टी को समृद्ध बनायें,
जीवन को हमारे, ये ही तो चलायें।
अर्थ: कुछ जीवाणु हमारे लिए फायदेमंद होते हैं, जैसे कि दही बनाने वाले और मिट्टी को उपजाऊ बनाने वाले जीवाणु।

(३)
पर कुछ होते बुरे, देते हैं ये बीमारी,
टीबी और हैजा, है इनकी ही यारी।
पानी को दूषित करें, हवा को खराब,
रोगों से भर देते, ये ही तो हमारा जीवन।
अर्थ: कुछ जीवाणु हानिकारक होते हैं और टीबी, हैजा जैसी बीमारियाँ फैलाते हैं।

(४)
जीवाणु विज्ञान है, इनका ही तो ज्ञान,
इनके रहस्य को, ये ही तो करें पहचान।
कैसे ये फैलते, कैसे इन्हें रोकें,
जीवन को कैसे, इन रोगों से बचाएं।
अर्थ: जीवाणु विज्ञान जीवाणुओं के बारे में ज्ञान देता है, उनके फैलने और उन्हें रोकने के तरीकों को समझाता है।

(५)
दवाइयों का ज्ञान, है इसी से तो आया,
एंटीबायोटिक ने, जीवन है बचाया।
रोका इन्होंने, कई महामारियों को,
सराहें हम इस ज्ञान को, जो लाया है नई सुबह।
अर्थ: एंटीबायोटिक दवाइयां जीवाणु विज्ञान के ज्ञान से ही बनी हैं, जिन्होंने कई महामारियों को रोका है।

(६)
वैज्ञानिक लगे हैं, खोज में हर पल,
नए-नए तरीकों से, इन्हें समझने को।
कैसे करें इनको, नियंत्रित हमेशा,
ताकि रहे इंसान, रोग से दूर।
अर्थ: वैज्ञानिक हमेशा नए तरीकों से जीवाणुओं को समझने और नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।

(७)
जीवाणु हैं जीवन का, अभिन्न अंग,
रंगते हैं ये ही, हमारे जीवन के रंग।
अच्छे को अपनाओ, बुरे को दूर भगाओ,
जीवाणु विज्ञान को, तुम समझ जाओ।
अर्थ: जीवाणु जीवन का एक अभिन्न अंग हैं। हमें अच्छे जीवाणुओं को अपनाना चाहिए और बुरे से दूर रहना चाहिए।

--अतुल परब
--दिनांक-30.08.2025-शनिवार.
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