रात और मै

Started by शिवाजी सांगळे, August 31, 2025, 03:12:13 AM

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शिवाजी सांगळे

रात और मै

तनहाई को, गले से लगाया आज हमने
रात को आसुओं से सजाया आज हमने

बातें बहोतसी हुई दरमियान गमे दर्द की
जैसे मामला दिल का उठाया आज हमने

काफी देर तक, रोती रही रात लिपटकर
बडी मोहब्बत से,उसे मनाया आज हमने

फसाने कुछ और चलते हमारे सेहर तक
कहकर फिर मिलेंगे, सुलाया आज हमने

©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
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