ज्येष्ठा गौरी आवाहन पर कविता-

Started by Atul Kaviraje, September 01, 2025, 02:21:26 PM

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Atul Kaviraje

ज्येष्ठा गौरी आवाहन-

ज्येष्ठा गौरी आवाहन पर कविता-

१. 🌅✨
आई है गौरी, घर के द्वार,
खुशियों से भरा है संसार।
रंगोली सजी, दीपक जले,
घर-घर में उत्सव चले।
अर्थ: देवी गौरी हमारे घर आई हैं, जिससे घर खुशियों से भर गया है।

२. 💐🎁
फूलों की माला, नारियल पान,
देवी का हो रहा सम्मान।
भक्ति में डूबे, सब भक्तजन,
मन में उमंग, तन में उल्लास।
अर्थ: भक्तगण देवी गौरी की भक्ति में लीन हैं।

३. 🎂🥳
मीठे पकवान, स्वाद अनोखा,
देवी के लिए भोग रखा।
पुरणपोळी, अनरसा, करंजी,
हर व्यंजन में प्यार भरी है।
अर्थ: देवी के लिए तरह-तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाए गए हैं।

४. 🌅🌄
सुख-समृद्धि लेकर आई,
घर में खुशियाँ छाई।
दुःख और कष्ट दूर करे,
जीवन को आनंद से भरे।
अर्थ: देवी गौरी हमारे घर में सुख-समृद्धि लाई हैं और हमारे दुःखों को दूर करती हैं।

५. 🎶💖
भक्ति के गीत, प्रेम के स्वर,
गूंज रहे हैं घर-घर।
देवी की महिमा का बखान,
हो रहा है हर जगह।
अर्थ: हर जगह भक्ति के गीत गूंज रहे हैं और देवी की महिमा का गुणगान हो रहा है।

६. 🛣�🌟
परिवार एक साथ आया,
खुशियों का माहौल छाया।
आपसी प्रेम को बढ़ाया,
रिश्तों को और मजबूत बनाया।
अर्थ: यह त्योहार परिवार को एक साथ लाता है और रिश्तों को मजबूत बनाता है।

७. 🎉🎈
जय जय गौरी, जय जय माँ,
तुम हो हमारी शक्ति, तुम हो हमारी आशा।
हर साल आना, हमारे घर,
हमारा जीवन हो सुखमय।
अर्थ: हम देवी गौरी की जयकार करते हैं और उनसे हर साल आने की प्रार्थना करते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-31.08.2025-रविवार.
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