महर्षि दधीचि पर कविता-

Started by Atul Kaviraje, September 01, 2025, 02:21:59 PM

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Atul Kaviraje

महर्षी दधिची जयंती-

महर्षि दधीचि पर कविता-

१. 🌅✨
अमर कथा है ऋषि दधीचि की,
परोपकार की, प्रेम की, त्याग की।
जीवन दिया दान में,
सर्वोच्च बलिदान में।
अर्थ: ऋषि दधीचि की अमर कहानी त्याग और प्रेम से भरी है।

२. 💐🎁
कठिन तपस्या, ज्ञान का सागर,
धर्म और न्याय का रक्षक।
वृत्रासुर का भय,
ऋषि का था निश्चय।
अर्थ: उन्होंने कठोर तपस्या की और धर्म की रक्षा की।

३. 🎂🥳
अस्थियों का दान दिया,
इंद्र का वज्र बनाया।
देवताओं की रक्षा की,
मानव जाति को बचाया।
अर्थ: उन्होंने अपनी अस्थियाँ दान करके वज्र बनवाया और देवताओं की रक्षा की।

४. 🌅🌄
जीवन का सार समझाया,
परोपकार ही धर्म है सिखाया।
दूसरों के लिए जियो,
खुशियाँ बाँटो, प्रेम पियो।
अर्थ: उन्होंने सिखाया कि दूसरों की भलाई करना ही सबसे बड़ा धर्म है।

५. 🎶💖
महान त्याग की गाथा,
जन-जन को सुनाता।
प्रेम और करुणा का,
संदेश फैलाता।
अर्थ: उनकी महान त्याग की कहानी लोगों को प्रेम और करुणा का संदेश देती है।

६. 🛣�🌟
जीवन का मार्ग दिखाया,
निस्वार्थ भाव से जीना सिखाया।
सेवा का महत्व बताया,
सच्चा सुख कहाँ है यह जताया।
अर्थ: उन्होंने निस्वार्थ सेवा का महत्व समझाया और सच्चे सुख का मार्ग दिखाया।

७. 🎉🎈
जय जय दधीचि, जय जय ऋषि,
तुम हो हमारे प्रेरणा स्रोत।
तुमसा न कोई हुआ,
तुमसा न कोई होगा।
अर्थ: हम महर्षि दधीचि की जयकार करते हैं और उन्हें प्रेरणा का स्रोत मानते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-31.08.2025-रविवार.
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