ज्येष्ठा गौरी पूजन: भक्ति, श्रद्धा और उल्लास का पर्व 💖🙏-2🏡➡️🔔💖➡️👸👑✨➡️🙏🎶

Started by Atul Kaviraje, September 02, 2025, 02:20:23 PM

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Atul Kaviraje

ज्येष्ठा गौरी पूजन-

ज्येष्ठा गौरी पूजन: भक्ति, श्रद्धा और उल्लास का पर्व 💖🙏-

6. मुख्य पूजा विधि: ज्येष्ठा गौरी पूजन 🙏💖
ज्येष्ठा गौरी पूजन के दिन, पूजा की विधि बहुत ही विस्तारपूर्वक की जाती है।

शृंगार: गौरी की मूर्तियों को साड़ी, गहने, और फूलों से सजाया जाता है, जैसे किसी दुल्हन को सजाया जाता है। 👗💍

पंचामृत स्नान: माता की मूर्ति को दूध, दही, शहद, घी और जल के मिश्रण से स्नान कराया जाता है।🥛🍯

अर्घ्य और नैवेद्य: उन्हें विभिन्न प्रकार के नैवेद्य और पकवान अर्पित किए जाते हैं, जिन्हें 'भोंडला' भी कहते हैं। इसमें विशेष रूप से 16 प्रकार की सब्जियां और अन्य पकवान शामिल होते हैं। 🍲🍚

आरती और मंत्रोच्चार: भक्त श्रद्धापूर्वक मंत्रों का जाप करते हैं और माता की आरती गाते हैं, जिसमें 'सुखकर्ता दुखहर्ता' जैसी प्रसिद्ध आरतियाँ भी शामिल हैं। 🎶🔔

7. विशेष नैवेद्य: गौरी को अर्पित किए जाने वाले पकवान 🍲🍚
गौरी पूजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उनके लिए विशेष पकवान बनाना है।

16 प्रकार के पकवान: यह एक पारंपरिक नैवेद्य है, जिसमें 16 प्रकार की सब्जियां और मिठाइयां शामिल होती हैं। यह विविधता और समृद्धि का प्रतीक है। 🥕🌶�

अनरसा, शंकरपाली, चिवड़ा: ये महाराष्ट्र के पारंपरिक नमकीन और मीठे पकवान हैं जो इस अवसर पर बनाए जाते हैं। 🥨🍮

पुरणपोली: यह एक विशेष मिठाई है जो गुड़ और चने की दाल से बनती है और गौरी पूजा में इसका विशेष महत्व है। 🥧

8. गौरी के गीत और भक्ति भावना 🎶
गौरी पूजन के दौरान महिलाएं एकत्रित होकर लोकगीत गाती हैं, जिन्हें 'गौरीचे गाणे' कहा जाता है। ये गीत गौरी के मायके आने और उनके स्वागत का वर्णन करते हैं।

सामूहिक गायन: महिलाएं गोल घेरे में बैठकर इन गीतों को गाती हैं, जिससे एक अद्भुत और भक्तिमय माहौल बनता है। 🎤

भोंडला: यह एक पारंपरिक खेल है जिसमें लड़कियां और महिलाएं गोल घेरे में नाचते हुए गीत गाती हैं। यह एक मनोरंजक और सामाजिक गतिविधि है। 💃🕺

9. गौरी का विसर्जन: विदाई का क्षण 👋
तीसरे दिन, गौरी को विदा करने का समय आता है।

अंतिम पूजा: विसर्जन से पहले, माता की अंतिम पूजा की जाती है और उन्हें प्रसाद अर्पित किया जाता है। 🎁

नारियल और अक्षत: महिलाएं माता की विदाई के समय उनके चरणों में नारियल और अक्षत अर्पित करती हैं, यह प्रतीक है कि वे हमेशा परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखें। 🥥

अगले वर्ष फिर से आने का निमंत्रण: विसर्जन के समय भक्त अगले साल फिर से उनके आगमन की कामना करते हैं, यह एक वादा है कि यह परंपरा सदैव जीवित रहेगी। 🙏

10. सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व 🫂
यह पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक सद्भाव का भी प्रतीक है।

पारिवारिक मिलन: यह त्योहार परिवारों को एक साथ लाता है, जिससे रिश्ते मजबूत होते हैं। 👨�👩�👧�👦

महिलाओं का सम्मान: यह त्योहार महिलाओं के नेतृत्व में मनाया जाता है, जो समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। 👩�🦱👩�🦳

परंपराओं का संरक्षण: यह पर्व हमारी प्राचीन परंपराओं और संस्कृति को जीवित रखता है, और इसे अगली पीढ़ियों तक पहुंचाता है। 📚

ज्येष्ठा गौरी पूजन: इमोजी सारांश 👑✨
ज्येष्ठा गौरी पूजन का पर्व, एक तीन दिवसीय उत्सव है, जो हमारे घरों में सुख, समृद्धि और भक्ति लाता है।

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अनुवाद: घर की सफाई और तैयारी (🏡) -> गौरी को बुलाना (🔔) -> उनका स्वागत (💖) -> गौरी के दो रूप (👸👑) -> मुख्य पूजा (✨) -> भक्ति (🙏) -> गीत (🎶) -> विशेष पकवान (🍲) -> विदाई (👋) -> फूलों के साथ (🌸) -> और सामाजिक सद्भाव (🫂)।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.09.2025-सोमवार.
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